देहरादून। सरकार ने आईएएस और पीसीएस अफसरों के तबादले कर दिए हैं। सालों बाद ऐसी तबादला सूची जारी हुई है, जिसने सचिवालय में नौकरशाही के मठों को ध्वस्त कर दिया है। तबादला सूची में सभी के साथ समान रूप से व्यवहार नजर आ रहा है। सभी में समान रूप से काम का बंटवारा किया गया है। नौकरशाही को संतुलित कर बड़ा संदेश दिया है। इस लिस्ट में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने उत्तराखंड सचिवालय से 25 साल के जुड़ाव के अनुभव का परिचय दिया है। सीएम धामी ने सचिवालय संघ की ओर से शुक्रवार को किए गए सम्मान समारोह में नौकरशाही को इस ओर इशारा भी कर दिया था।
सीएम धामी ने कहा था कि शायद ही सचिवालय का कोई कमरा ऐसा है, जहां उनका मूवमेंट न रहा हो। वाहन चालक संघ से लेकर अनुसेवक संघ तक के वे संरक्षक रहे हैं। ऐसे में उनसे सचिवालय का कुछ नहीं छुपा है। सचिवालय में नौकरशाही के अपने अपने मठों ने हर सरकार को नुकसान पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है। इस बार सीएम धामी ने इन्हीं मठों को ध्वस्त कर बड़ा संदेश दिया। मलाईदार विभागों को लेकर इन मठों के चक्कर काटने वाले अफसरों को इस लिस्ट से करारा झटका लगा है। मलाईदार विभाग पाने को अफसर अपने से जूनियर अफसरों के भी चक्कर काटने से परहेज नहीं कर रहे थे। अब लिस्ट देखकर चक्कर काटने वाले अपना सिर पकड़ कर बैठे हुए हैं। उन्हें समझ आ गया है कि धामी सरकार में अफसरों के मठों में चक्कर काटने से नुकसान ही होगा।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को मुख्य स्थानिक आयुक्त के साथ ही तीनों ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष का जिम्मा देकर उन्हें भी काम में व्यस्त रखने के साथ ही पॉवर सेक्टर में बैलेसिंग का काम किया है। सोनिका को मेलाधिकारी का चार्ज मिलने से कई मठों में सन्नाटा पसरा हुआ है। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को वन के साथ वित्त का भी जिम्मा देकर उन्हें भी मुख्य धारा में बनाए रखा गया है। विनोद कुमार सुमन से राज्य संपत्ति हटाया गया है। इसके साथ ही पीसीएस अफसरों की तबादला लिस्ट में भी मठ व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।

