ख़बर शेयर करें -

नगर निगम के गजब हाल::: पिछले दो साल से नहीं दी जा रही थी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की रसीद! कई बार उठे सवाल, फिर भी लिपिक संरक्षण में करता रहा रसीद का पैसा डकारने का खेल! बड़ा सवाल, क्या नगर आयुक्त कसेंगी असल दोषी पर शिकंजा या मामूली कर्मचारी पर एक्शन से चैप्टर हो जाएगा क्लोज

देहरादून नगर निगम के गजब हाल हैं। जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की रसीद न देने और अतिरिक्त कॉपी के लिए शुल्क मांगने वाले लिपिक स्वर्ण पंवार को यहां से हटा दिया गया है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि पिछले दो तीन साल से निगम में यह गोरखधंधा संरक्षण देने वालो की सरपरस्ती में चलता रहा और अब केवल लिपिक पर एक्शन दिखाकर पूरे मामले को रफा दफा किया जा रहा है। जबकि रसीद का पैसा न जमा करने का यह मामला लाखों के घोटाले का हो सकता है।

दरअसल, लिपिक स्वर्ण तो इस मामले में एक मोहरा भर है, असल दिमाग कोई और है जिसके संरक्षण में बीते दो तीन साल से लिपिक प्रमाण पत्र का पैसा जमा न करने का खेल खेलता रहा। आपको बता दें कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 10 रुपये की रसीद दी जाती है लेकिन निगम का यह लिपिक ऐसा नहीं कर रहा था। राज्य सूचना आयोग भी पूर्व में इस व्यवस्था को लेकर अपनी नाराजगी प्रकट कर चुका है बावजूद इसके लिपिक की इतनी हिम्मत यूं ही तो नहीं बड़ी होगी। कोई तो है जो उसे लगातार संरक्षण देता रहा। जांच में असल दोषी पर कार्रवाई होनी जरूरी है।

By amit