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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा- 71 कंपनियों को नोटिस दिया, 18 को बंद कराया गया, भारत नकली दवाओं के मामले में समझौता नहीं करता

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत नकली दवाओं के मामले में कोई समझौता नहीं करता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 कभी भी खत्म नहीं होने वाला, क्योंकि यह जीवित रहने में कामयाब रहा है। भारतीय वैज्ञानिक हर नए स्वरूप को लेकर कड़ी नजर रख रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि खांसी रोकने के लिए भारत निर्मित सीरप के कारण कथित मौतों के बाद 71 कंपनियों को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया है और उनमें से 18 को बंद करने को कहा गया है। देश में गुणवत्तापूर्ण दवाओं का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए लगातार व्यापक विश्लेषण किया जाता है, और सरकार तथा नियामक हमेशा यह सुनिश्चित करने को सतर्क रहते हैं कि नकली दवाओं के कारण किसी की मौत न हो। उन्होंने कहा कि हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम ‘दुनिया की गुणवत्ता वाली फार्मेसी हैं।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) में वैज्ञानिकों की हमारी टीम कोविड के प्रत्येक स्वरूप पर नजर रख रही है। अब तक, कोविड के 224 से अधिक स्वरूप देश में देखे गए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में स्थिति अभी स्थिर है और भविष्य को ध्यान में रखते हुए हम सतर्क हैं। लेकिन मैं कहूंगा कि कोविड-19 एक वायरस है और यह कभी खत्म नहीं होने वाला, क्योंकि यह जीवित रहने में कामयाब रहा है।

महामारी से लड़ने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का पालन

मंडाविया ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश था, जिसके कारण इंसाकोग (भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम) और कई अन्य टास्क फोर्स तथा अधिकार प्राप्त समूहों को टीका अनुमोदन तथा अन्य प्रोटोकॉल के लिए स्थापित किया गया। उन्होंने कहा, संपूर्ण कोविड यात्रा में, हमने महामारी से लड़ने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का पालन किया।

By amit