देहरादून। हाईकोर्ट ने देहरादून में मटन और चिकन की दुकानों में बिना परीक्षण के बेचे जा रहे मांस को लेकर दायर की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने नगर निगम देहरादून और खाद्य सुरक्षा विभाग को नोटिस जारी कर 16 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
देहरादून के विकेश सिंह नेगी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून का एकमात्र स्लॉटर हाउस चार साल पहले 2018 में बंद हो चुका है। मीट की दुकानों में बिना खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच के जानवरों का मांस बेचा जा रहा है। बकरा और चिकन कहां काटा जा रहा है, कहां से आ रहा है, इससे दून नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग बेखबर है। याचिकाकर्ता का कहना है कि दोनों विभाग लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। जब उन्होंने आरटीआई लगाकर मांस की गुणवत्ता पर सवाल पूछे तो दोनों विभाग एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि नगर निगम द्वारा 2016 में बनाए गए नियमों के मुताबिक बकरे और चिकन को जांच के बाद ही स्लाटर हाउस में काटा जाना चाहिए। इस नियम को लागू किया जाए।