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*‘ज्ञान’ से तय होगा ‘अग्रणी उत्तराखण्ड’ का मुकाम*

*गरीब, युवा, अन्नदाता और नारीशक्ति के हितों को केन्द्र में रखकर तैयार किया गया बजट*

*बजट में दिखा मुख्यमंत्री धामी के संकल्प ‘श्रेष्ठ राज्य उत्तराखण्ड’ की आकांक्षाओं का प्रतिबिम्ब*

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को धामी सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 89230.07 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। उत्तराखण्ड के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े इस बजट में गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं के लिए कई सौगातें हैं। सदन में बजट पेश करते हुए सरकार ने अपनी उपलब्धियां गिनाईं, भविष्य का रोडमैप बताया और कई बड़े ऐलान भी किए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प लिया है। वह कई मौकों पर कह चुके हैं कि यह उनका अकेले का नहीं बल्कि समस्त राज्यवासियों का सामूहिक संकल्प है और सामूहिकता की भावना से ही एक लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। मुख्यमंत्री के इस मकसद को ध्यान में रखते हुए समूची धामी सरकार एकाग्रता और सतर्कता के साथ अपना कदम आगे बढ़ा रही है। मंगलवार को सरकार की ओर से पेश किए गए आम बजट में भी मुख्यमंत्री के संकल्प के अनुरूप अग्रणी उत्तराखण्ड की आकांक्षाओं का प्रतिबिम्ब देखने को मिला। बजट में किए गए प्रावधानों से साफ है कि बजट गरीब, युवा, अन्नदाता और नारीशक्ति (Gyan ज्ञान) को केन्द्र में रखकर तैयार किया गया है। हालांकि एक्सपर्ट इस बजट को लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के रूप में भी देख रहे हैं।

*गरीब*

एक सुखद पहलू यह है कि उत्तराखण्ड में पिछले कुछ सालों में एक बड़ा तबका गरीबी से बाहर निकला है। वर्ष 2015-16 में गरीबी में रहने वाले लोगों का आंकड़ा 17.67 प्रतिशत था जो वर्ष 2019-21 में घटकर 9.67 प्रतिशत हो गया है। इसका खुलासा नीति आयोग द्वारा जारी राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2023 में हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के मौके बढ़ने और रिवर्स पलायन से गरीबी दर कम हुई है। अब धामी सरकार इस आंकड़े में और सुधार लाना चाहती है। इसके लिए बजट में कल्याणकारी पेंशन योजनाओं के लिए 178328 करोड़, विभिन्न सब्सिडी योजनाओं के लिए 679 करोड़, अन्नपूर्ति योजना के लिए 600 करोड़, आवास योजना ग्रामीण के लिए 390 करोड़, आवास योजना शहरी के लिए 211 करोड़, ईडब्लूएस आवासों के लिए 92 करोड़, मुख्यमंत्री अंत्योदय निशुक्ल गैस योजना के लिए 55 करोड़, खादय सुरक्षा योजना के लिए 34 करोड़, खाद्य सुरक्षा योजना के लिए 34 करोड़, राजय खाद्यान योजना के लिए 20 करोड़ आदि शामिल हैं।

*युवा*

बजट में युवा शक्ति के विकास और क्षमता संवर्धन के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। युवा शक्ति को पढ़ने, खेलने, रोजगार दिलाने के लिए एक बेहतर इकोसिस्टम बनाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए बजट में उच्च शिक्षा में शैक्षिक छात्रवृत्तियों के लिए 10 करोड़, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ योजना के लिए 2 करोड़, नन्दा गौरा योजना के लिए 195 करोड़, मुख्यमंत्री अल्संख्यक मेधावी बालिका प्रोतसाहन योजना के लिए 3.76 करोड़, विद्यार्थियों को निशुल्क जूता एवं बैग के लिए 25 करोड़, उद्यमिता, कौशल एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 7.11 करोड़, साइंस सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों की स्थापना के लिए 20 करोड़, खेल महाकुंभ के लिए 27 करोड़, मिनी स्टेडियमों के निर्माण के लिण् 15 करोड़ आदि का प्रावधान किया गया है।

*अन्नदाता*

धामी सरकार ने बजट में अन्नदाता किसानों पर विशेष ध्यान दिया है। अन्नदाता की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य विकास, दुग्ध विकास, सहकारिता तथा सिंचाई के अन्तर्गत विशेष ध्यान दिया है। इन योजनाओं में किए गए प्रावधानों का सीधा लाभ राज्य के तकरीबन 9 लाख किसानों को मिलेगा। जिन योजनाओं के लिए बजट में प्रावधान किया गया है उनमें किसान पेंशन योजना के लिए 46.1 करोड़, दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 85 करोड़, प्रधानमंत्री मत्स्य पालन सम्पदा योजना के लिए 104.25 करोड़, मिशन एप्पल योजना के लिए 35 करोड़, मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के लिए 35 करोड़, दुग्ध मूल्य प्रोत्सान योजना के लिए 32 करोड़, समेकित सहकारिता विकास परियोजना के लिए 7.30 करोड़, मिलेट मिशन परियोजना के लिए 7 करोड़ आदि शामिल हैं।

*नारी शक्ति*

उत्तराखण्ड की धामी सरकार ने महिला समानता और सशक्तीकरण की दिशा में एक और प्रभावी कदम बढ़ाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित 89230.07 करोड़ के बजट में 14538.05 करोड़ के जेंडर बजट का प्रावधान किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष जेंडर बजट में 617.92 करोड़ की वृद्धि की गई है। पृथक उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद जेंडर बजट में की गई यह रिकॉर्ड वृद्धि है। जेंडर बजट का मुख्य उददेश्य महिलाओं का सशक्तिकरण, समानता और विकास करना है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में जेंडर बजट में लगभग 14538.05 करोड़, अनुपूरक पोषाहार कार्यक्रम के लिए 274.81 करोड़, नारी शक्ति और महिला कल्याण के लिए 574 करोड़, नंदा गौरा योजना के लिए 195.00 करोड़, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के लिए 30.00 करोड़, मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के लिए 28.47 करोड़, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना में 14.88 करोड़, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए लगभग 20.64 करोड़, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के लिए 10 करोड़ का प्रावधान, गंगा गाय महिला डेरी विकास योजना के लिए 5 करोड़, महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना के लिए 5 करोड, पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए 4.33 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

By amit