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इन्वेस्टर समिट प्रदेश के लिए बड़ा अवसर होने के साथ भविष्य का खाका भी तैयार करेगी: मुख्यमंत्री

-दिसंबर में होने जा रही इन्वेस्टर समिट से पहले आज एमडीडीए के तत्वावधान में रियल एस्टेट सेक्टर के उद्यमियों के साथ हुआ बैठक का आयोजन

-मुख्यमंत्री ने कहा, उद्यमियों को विश्वास दिलाना चाहता हूँ, पूरी सरकार आपके साथ खड़ी है

-कहा, इस बैठक में मिले सुझावों के अलावा मेल व अन्य माध्यमों से भी उद्यमी सरकार को भेज सकते हैं सुझाव

-उद्योगों की सहूलियत के हिसाब से हमारी सरकार नियमों में आवश्यक संशोधन के लिए भी है तैयार

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के तत्वावधान में आज दिसंबर माह में होने वाली इन्वेस्टर समिट को लेकर प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर के उद्यमियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन राजपुर रोड स्थित होटल में हुआ।
बैठक कि अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने करते हुए कहा कि दिसंबर में होने जा रही इन्वेस्टर समिट हमारे पूरे प्रदेश के लिए जहां बड़ा अवसर है तो इसके माध्यम से प्रदेश के भविष्य का खाका भी तैयार होगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में आये उद्यमियों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि राज्य सरकार आपके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर समिट से पहले हो रही इस बैठक में जो भी सुझाव सरकार को प्राप्त होंगे, उनको आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की समिट बार-बार नहीं होते। इनमें बड़ा परिश्रम लगता है। ऐसे में सभी को इसमें अपना योगदान देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में तमाम सुझाव प्राप्त हुए हैं और भी लोग जो सुझाव देना चाहते हैं वे ई-मेल या अन्य माध्यमों से सरकार तक पहुँचा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपनी नीतियों को उद्योगों के लिहाज से सरल करने का कार्य किया है। अभी राज्य सरकार 27 नई नीतियां लेकर आई है ताकि कार्यों का सरलीकरण हो सके। उन्होंने कहा कि जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं उनमें कुछ अल्पकालिक तो कुछ दीर्घकालिक होते हैं। अल्पकालिक पर हम फटाफट निर्णय ले सकते हैं लेकिन दीर्घकालिक सुझावों पर थोड़ा समय लगता है। उन्होंने कहा कि उद्योगों की सहूलियत के हिसाब से जहां भी नियमों में संशोधन या व्यवहारिकता की कमी है तो हम उसमें भी बदलाव के लिये तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हमने 465 ऐसे कानून जो काम में नहीं आ रहे थे, उन्हें हटाने का बड़ा कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उद्योग समूहों की बैठकों में भी संवाद किया लेकिन होता क्या है कि कई बार लोगों की बात हम तक नहीं पहुँच पाती। ऐसा नहीं होना चाहिए। छोटे राज्य गठन के पीछे मंशा यही थी कि समस्याएं सरकार तक पहुँचे और उनको हल करने का रास्ता तलाशा जा सके। उन्होंने कहा कि परस्पर संवाद होना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। आज हमारा पर्यटन क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोरोना काल से बाहर आने के बाद वर्ष 2022 में चारधाम यात्रा चरम पर रही तो इस वर्ष भी यात्रा सफलतापूर्वक चल रही है। भारी संख्या में उमड़ रही भीड़ यह दर्शा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली-देहरादून के बीच एलिवेटेड रोड का काम पूरा होने के बाद देहरादून की दूरी महज ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी। इसका लाभ निश्चित रूप से उद्यमियों को मिलेगा। राज्य में हमारी सरकार हवाई सेवाओं का निरंतर विस्तार कर रही है। देहरादून से देशभर के लिए 36 फ्लाइट संचालित हो रही हैं। आने वाले दिनों में पंतनगर का हवाई अड्डा भी अंतरराष्ट्रीय बनने वाला है। ऐसे में राज्य में तमाम होटल, रिसोर्ट आदि की बहुत आवश्यकता पड़ने वाली है। आने वाले समय मे होटल, रिसोर्ट खाली नहीं मिलने वाले लेकिन हमें अच्छी सुविधाएं भी साथ-साथ लोगों को उपलब्ध करानी होंगी।
बैठक में उपस्थित प्रदेश के आवास एवं शहरी विकास मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि हमारे राज्य का शांति प्रिय माहौल उद्योगों के अनूरूप है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विश्वभर से लोग आना चाहते हैं। देश के कई राज्यों में वहां के क्राइम रेट को देखते हुए उद्योग वहां नहीं जाना चाहते लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं है। उस नाते हमारा राज्य उद्योगों के लिए सर्वप्रिय बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी सुझाव मिले हैं, उनको हम आत्मसात करेंगे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन ने कहा कि आज रियल एस्टेट सेक्टर पर जो यह सम्मेलन आयोजित हो रहा है, वह बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह सेक्टर सबके साथ जुड़ा है। बिल्डिंग बनाने से लेकर उद्योग लगाने, अस्पताल बनाने में हर जगह इसकी उपयोगिता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में प्रदेश के प्राधिकरणों ने 2200 करोड़ के प्रोजेक्ट स्वीकृत किये थे तो 2022-23 में 5000 करोड़ के प्रोजेक्ट्स प्राधिकरणों के माध्यम से स्वीकृत हुए तो 2023-24 में 8800 करोड़ के प्रोजेक्ट स्वीकृत होने की संभावना है। इन आंकड़ों से इस सेक्टर की महत्ता को समझा जा सकता है। साथ ही यह सेक्टर रोजगार सृजन की दिशा में भी अहम योगदान देता है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री ने सरलीकरण, समाधान और निस्तारण का मंत्र दिया है, जिसके तहत कई नवीन पहल की गई है ताकि आमजन की समस्याएं कम हो सकें। उन्होंने बताया कि नक्शों के सेल्फ सर्टिफिकेशन के साथ ही 400 तरह के प्री-एप्रूप मैप की सुविधा दी जा रही है। प्राधिकरणों में नक्शा पास करने के पूरे सिस्टम को ऑनलाइन करने के साथ ही समयबद्ध बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो कमियां हैं उन्हें भी दूर करने के तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर में नए-नए इनोवेशन एवं तकनीक का भी बहुत योगदान है। जिस पर भी सरकार तेजी से काम कर रही है।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष श्री वंशीधर तिवारी ने अपने धन्यवाद भाषण में कहा कि स्टेकहोल्डर्स के साथ इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर यह पहली बैठक की गई है। उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उनका स्वागत हैं। उद्यमी मेल आदि के माध्यम से भी सुझाव दे सकते हैं। आने वाले दिनों में प्राधिकरण स्तर पर भी इस तरह की और बैठकें आयोजित की जाएंगी। अप्रैल से अब तक 3600 करोड़ का निवेश इस सेक्टर में mdda ला चुका है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव मुख्यमंत्री श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, रेरा के चेयरमैन रविन्द्र सिंह पंवार, सचिव आवास श्री पांडेय, एमडीडीए के सचिव श्री मोहन सिंह बर्निया सहित अन्य अधिकारी गण उपस्थित रहे।

By amit