ख़बर शेयर करें -

कुत्ते का नहीं तो किसका शिकार करना चाहते हैं त्रिवेंद्र, पीएम मोदी के सबसे पसंदीदा सीएम धामी की सरकार पर सवाल उठा कर सीधे पीएम मोदी को दी चुनौती, कल्याण, उमा भारती की राह पर बढ़ते कदम

 

देहरादून। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने खनन मामले में सचिव खनन बृजेश संत के बयान पर जवाब दिया कि शेर कभी कुत्तों का शिकार नहीं करते। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर त्रिवेंद्र कुत्ते का नहीं, तो फिर किसका शिकार करना चाहते हैं। त्रिवेंद्र रावत ने भाजपा की उस सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं, जिसे सरकार की पीएम नरेंद्र मोदी सार्वजनिक तौर पर सबसे अधिक तारीफ करते हैं। पीएम मोदी के सबसे पसंदीदा सीएम धामी की सरकार पर सवाल उठा कर सीधे पीएम मोदी को चुनौती देने का काम किया है। ऐसा कर त्रिवेंद्र रावत ने कल्याण सिंह, उमा भारती की राह पकड़ ली है।
पार्टी विद डिफरेंस, सख्त अनुशासन की पहचान संघ के एक प्रचारक रहे पूर्व सीएम ने ही जिस तरह की ध्वस्त की है, उससे संघ, भाजपा और केंद्रीय नेतृत्व बेहद नाराज है।
दो महीने में त्रिवेंद्र रावत ने जिस तरह संसद में उत्तराखंड में अवैध खनन का मामला उठाया है, उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उनके खुद सीएम रहते हुए भी अवैध खनन के तमाम आरोप तत्कालीन सरकार पर लगे। हरिद्वार में स्वामी महात्मा धरने पर बैठे। 17 नवम्बर 2019 को विकासनगर में पुलिस सिपाही को खनन माफिया ने गाड़ी से कुचला। तत्कालीन सरकार के एक ओएसडी की तो सुबह ही खनन माफियाओ के साथ बेडमिंटन खेलने से शुरू होकर दिन में होटल में लंच, रात में डिनर पर जाकर खत्म होती थी।
अब वही त्रिवेंद्र रावत संसद में जनहित के मुद्दे उठाने की बजाय खनन तक ही सीमित रहकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, उससे त्रिवेंद्र की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
त्रिवेंद्र अपनी भाजपा की उस सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, जिसकी प्रधानमंत्री लगातार पीठ थपथपा रहे हैं। पीएम मोदी लगातार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह रावत को इशारों इशारों में भविष्य का चेहरा बता चुके हैं। सीएम धामी के काम पर अपनी मुहर लगा चुके हैं।
इसके बावजूद धामी सरकार पर सवाल उठा कर त्रिवेंद्र सीधे पीएम मोदी की पसंद पर सवाल उठा रहे हैं। इससे राजनीतिक जानकार त्रिवेंद्र की भविष्य की एक नई राजनीतिक राह की ओर बढ़ने का संदेश मान रहे हैं। कल्याण सिंह, उमा भारती, मदनलाल खुराना की तर्ज पर अब त्रिवेंद्र उस लाइन पर आगे बढ़ गए हैं, जहां से वे भाजपा के सख्त अनुशासन, पार्टी विद डिफरेंस के मानक को सीधे चुनौती दे रहे हैं। त्रिवेंद्र सिंह के हाल के बयानों को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने तो बेहद गंभीर और आपत्तिजनक करार दिया है।

By amit