नान प्रैक्टिसिंग अलाउंस बंद किए जाने के प्रस्ताव का चिकित्सकों ने किया विरोध
स्वास्थ्य महानिदेशक का स्पष्टीकरण तलब होने से भी चिकित्सक नाखुश
देहरादून: प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने एनपीए (नान प्रैक्टिसिंग अलाउंस) बंद किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। ऐसा कोई भी प्रस्ताव लाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके अलावा उप जिला चिकित्सालय काशीपुर से जुड़े प्रकरण में स्वास्थ्य महानिदेशक का स्पष्टीकरण तलब होने से भी चिकित्सक नाखुश हैैं।
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. मनोज वर्मा के अनुसार सरकारी चिकित्सकों को ड्यूटी टाइम के अतिरिक्त निजी प्रैक्टिस की छूट की बात की जा रही है। वहीं, एनपीए बंद करने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। जिसका प्रदेशभर के चिकित्सक एक स्वर में विरोध करते हैैं। यदि सरकार की ओर से ऐसा कोई भी प्रस्ताव लाया गया तो चिकित्सक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि उप जिला चिकित्सालय काशीपुर के सीएमएस से जुड़े मामले में स्वास्थ्य महानिदेशक से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। जबकि महानिदेशक ने कोई स्थानांतरण नहीं किया है। बल्कि नितांत अस्थाई और कामचलाऊ व्यवस्था के तहत यह व्यवस्था की गई थी। अस्पताल के रेडियोलाजिस्ट डा. खेमपाल को सीएमएस का प्रभार उन्होंने दिया था। मरीजों व कर्मचारियों के हितों व मार्च में होने वाले वित्तीय कार्य को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार उन्हें यह दायित्व सौंपा गया। इसमें नियमों की कहीं भी अवहेलना नहीं की गई। कहा कि महानिदेशक विभाग की मुखिया हैैं और एक सर्वोच्च पद पर हैैं। उनसे स्पष्टीकरण तलब किए जाने से चिकित्सकों में रोष है। गुरुवार को बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने उनसे इस मसले पर मुलाकात की। डा. वर्मा ने बताया कि इन दोनों मामलों पर विस्तृत विचार-विमर्श व आंदोलन की रूपरेखा के लिए शुक्रवार को बैठक बुलाई गई है।