हरिद्वार, 26 जून 2025
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा आज हरिद्वार स्थित होटल में फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के महत्य एवं उपयोग पर आधारित एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य घरेलू एवं सामुदायिक स्तर पर सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से निपटने के लिए फोर्टिफिकेशन की जानकारी जन-जन तक पहुंचाना था। कार्यशाला में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां, आशा कार्यकर्ता, भोजन माताएं तथा समेकित बाल विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि एवं खाद्य सुरक्षा विभाग (FDA) के अधिकारी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम का आयोजन ग्लोवल अलायंस फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रिशन (GAIN) के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग से किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों की सहभागिता रही। GAIN संस्था वर्ष 2003 से भारत में कुपोषण को समाप्त करने के लिए सरकार एवं उद्योगों के साथ मिलकर कार्य कर रही है।
कार्यशाला में GAIN की वरिष्ठ प्रतिनिधि श्रीमती विजिता सिंगारी ने बताया कि उनकी संस्था राज्य और केंद्र सरकारों के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य कर रही है कि पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्री हर नागरिक तक आसानी से पहुंच सके।
कार्यशाला में कुल 160 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसमें 70 आशा कार्यकर्ता, 50 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा 30 भोजन माताएं आदि शामिल रही। अग्रिम पंक्ति के इन कार्यकर्ताओं की सहभागिता ने कार्यशाला को जमीनी स्तर पर अधिक प्रभावशाली बनाया।
कार्यशाला में उपस्थिति FSSAI के मैनेजर श्री कुमार विकास ने फोर्टिफिकेशन पर प्रकाश डालते हुए ने कहा कि “फूड फोर्टिफिकेशन आज के समय में एक वैज्ञानिक, सुरक्षित और प्रभावी उपाय है, जिसके माध्यम से हम जनसंख्या के बड़े वर्ग तक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व सरलता से पहुंचा सकते हैं। उन्होंने बताया कि कई लोग फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों को लेकर भ्रम में रहते हैं, ऐसे में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं (फ्रंट लाइन वर्कर्स) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने उपस्थित आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों तथा भोजन माताओं से अपील की कि वे समुदाय में जाकर फोर्टिफिकेशन की सही जानकारी और इसके लाभको सरल भाषा में लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को जागरुकता अभियान का केंद्र बिन्दु बनाया जाए, ताकि बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके।
कार्यशाला में उपस्थिति एफ.डी.ए. के उपायुक्त श्री गणेश कण्डवाल ने कहा कि फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों के बारे में सही एवं पर्याप्त जानकारी का अभाव कुछ क्षेत्रों में भ्रम पैदा करता है, जिससे उनके लाभों पर संदेह किया जाता है। उन्होंने कहा कि फोर्टिफाइड खाय पदार्थों से भोजन तैयार करने व उपयोग की विधि को आमजन को प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए, ताकि विश्वास कायम हो सके। उन्होंने कहा की कार्यशाला का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया है।
श्री कण्डवाल ने बलपूर्वक कहा कि “फोर्टिफिकेशन के विषय में जन-सामान्य का भरोसा बढ़ाने के लिए व्यापक और योजनाबद्ध जन-जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। इसमें शिक्षा विभाग के छात्र-छात्राएं, ICDS की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग प्रशिक्षु प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।
कार्यशाला में उपस्थित के एफ.डी.ए के उपायुक्त एवं जनपद हरिद्वार के अभिहित अधिकारी श्री संजय सिंह ने आंगनबाड़ी केंद्रों के खाद्य पंजीकरण की प्रक्रिया की जानकारी दी और कहा कि ICDS के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित पूरक पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पंजीकरण अनिवार्य है और इसे गति देने के आवश्यकता उन्होंने यह भी कहा कि फोर्टिफिकेशन जैसे कार्यक्रमों की सफलता के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, और बाल विकास विभागों अंतरविभागीय समन्वय अत्यंत आवश्यक है। विभागीय समन्वय और सामूहिक प्रयासों से ही कुपोषण जैसे बहुआयामी स्थायी समाधान संभव है।
कार्यशाला के समापन पर समेकित बाल विकास (ICDS) की जिला परियोजना अधिकारी श्रीमती सुलेखा सहगल ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया।

