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खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग उत्तराखण्ड द्वारा आज फोर्टिफाईट खाद्य पदार्थों के महत्व और उपयोग के बारे में घरेलू स्तर पर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए एक कार्याशाल का आयोजन किया गया। कार्यशाला में आगंबाडी कार्यकत्रियों, आशा वर्कर, भोजन मातायें, नर्सिंग छात्र-छात्राएं, शिक्षा, स्वास्थ्य समेकित बाल विकास विभाग (ICDS), यू.पी.ई.एस फैकल्टी सदस्यों एवं एफ.डी.ए के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया

राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र के प्रेक्षाग्रह में आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ग्लोबल एलाईन्स फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रीशन (गेन-GAIN) के तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग से किया जा रहा है जिसमें माध्यमिक शिक्षा, स्वास्थ एवं समेकित बाल विकास विभाग (ICDS) की सहभागित है। भारतवर्ष में GAIN कुपोषण के खात्मे के लिए वर्ष 2003 से अग्रसर हो कर काम कर रही है।

कार्यशाला में उपस्थित GAIN के विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गयी कि NFHS-5 के अनुसार भारत में वर्ष 2019-20 के दौरान 6-59 माह के 67.1% बच्चे तथा 15-49 वर्ष की 59.2% महिलाएं एनिमिया से ग्रसित पायी गयी जिसका प्रमुख कारण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का होना है।

इस अवसर पर उपस्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून डा. मनोज कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि बच्चों एवं महिलाओं में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए मुख्य खाद्य पदार्थों का सशक्तीकरण अर्थात फोर्टिफिकेशन किया जाना सबसे सुलभ, किफायती, प्रभावी एवं टिकाऊ उपयों में से एक है। डा० शर्मा के अनुसार फोर्टिफिकेशन के लिये भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा मानक निर्धारित किये गये है जिसके अनुसार दूध व तेल में विटामिन एवं को मिलाया जाता है जो हमारी आखों और हड्डियों के लिये जरूरी है। चावल व गेहूं के आटे में लौह, फोलिक एसिड व विटामिन B12 मिलाया जाता है जो रक्त निर्माण में सहायक होता है। नमक आयोडीन के साथ अब लौह तत्व मिलाने के मानक भी निर्धारित किये गये है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कार्यशाल में उपस्थित आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रीयों से कहा कि वह मिल कर समुदाय में आमजन को फोर्टिफिकेशन के महत्व एवं आवश्यकता के बारे में जानकारी दें ताकि कुपोषण के स्तर में कमी लायी जा सके।

कार्यशाला में उपस्थित एफ.डी.ए के अपर आयुक्त श्री ताजबर सिंह ने फूड फोर्टिफिकेशन को एक अनिवार्य आवश्यकता बताया और कहा कि जागरूकता के माध्यम से ही लोगों को सूक्ष्म पोषक तत्वों के महत्व के बारे में जानकार बनाया जा सकता है। श्री ताजबर सिंह ने खाद्य सुरक्षा के बारे में आमजन को जागरूक किये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर उपस्थित GAIN की वरिष्ठ प्रतिनिधि डा. सुप्रीत कौर द्वारा जानकारी दी गयी कि उनकी संस्था भारतवर्ष में राज्य एवं केन्द्र सरकारों, नीति निर्धारकों तथा उद्योगजगत के साथ मिलकर पोषक तत्वों से पूर्ण भोजन की उपलब्धता के लिए कार्यशील है तथा यह प्रयास किया जा रहा है कि पोषक तत्वों से युक्त भोजन आम नागरिकों तक सहज रूप पहुंच सके।

आज की कार्यशाला में उपस्थित एफ.डी.ए के उपायुक्त श्री गणेश कण्डवाल ने बताया कि सत्री पर्याप्त जानकारी न होने के कारण देश के कुछ क्षेत्रों में फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों से होने वाले लाभमें संदेह किया जाता है जिसे देखते हुए सभी फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों से खाना पकाना एवं परीक्षण में आमजन को प्रदर्शित किया जाना आवश्यक है। इसी का ध्यान में रखते हुए यह कार्यशाला G सहयोग से आयोजित की जा रही है।

By amit