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Dehradoon. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि 13 फरवरी 2023 को NSUI के प्रदर्शन के दिन जो कुछ हुआ, वह अच्छा नहीं हुआ। लेकिन उसके बाद जो निर्णय सामने आया है, वह और बुरा हुआ है। यह विचारणीय प्रश्न है कि क्या सौरभ मंमगाई के नेतृत्व में कुछ लोग नारे लगाते हुए सभा स्थल पर आए और उन्होंने सभा नहीं चलने दी, हाथापाई की शुरुआत की? या जैसा कहा जा रहा है कि वो केवल गेट तक आये और उन्होंने स्वयं गेट बंद किया ताकि सभा में कोई बड़ा व्यवधान न हो, यह भी कहा जा रहा है कि वो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के सम्मुख उनके निर्णय पर अपना विरोध प्रकट करने आए थे, पार्टी के कार्यक्रम के प्रति उनका कोई विरोध नहीं था। सभा स्थल पर जिन लोगों के बीच मारपीट हुई वह जांच का विषय है। मगर जिन लोगों को निष्कासित किया गया है, श्री सौरभ मंमगाई, श्री अंकित बिष्ट, श्री संदीप नेगी, श्री आदित्य बिष्ट, ये सभी लोग एनएसयूआई के सुपरिचित संघर्षशील चेहरे हैं। आज जब उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है तो मैं अपने मन में मनन कर रहा हूं कि यह क्षति किसकी है? संघर्ष के जाने-पहचाने चेहरों की आज पार्टी को बड़ी आवश्यकता है। उनके कार्य को क्षमा योग्य मानिये, यह मेरा तर्क नहीं है। मगर यह तर्क अवश्य है कि उन्हें अपराध से बड़ा दंड दिया गया है और यह दंड पार्टी के लिए क्षति कारक हो सकता है! छात्र आंदोलन का पिछले 2 वर्षों में अंकित बिष्ट एक सुपरिचित चेहरा रहा है। हमने उसे चुनाव भी लड़ाया, उसकी व्यथा को सुनने के बजाय हमने उसे और उसके समर्थकों को दंड दे दिया और वो भी अधिकतम दंड दे दिया जिसको हम दे सकते थे!!

मैं समझता हूं कि पार्टी की राज्य इकाई को इस सारे प्रकरण पर एक बार फिर से विचार करना चाहिये।

By amit

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