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देहरादून। पहले हिमाचल और अब कर्नाटक चुनाव ने साफ कर दिया है कि जब तक राज्य में मजबूत नेतृत्व नहीं होगा, तब तक सिर्फ केंद्र के भरोसे चुनाव नहीं जीते जा सकते। जब तक राज्य में पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यों को जनता के बीच धरातल पर उतारने वाला सीएम नहीं होगा। कार्यकर्ताओं, जनता में विश्वास जगाने वाला सीएम नहीं होगा, तब तक राज्य की सियासत बरकरार नहीं रह सकती। 2022 में उत्तराखंड में भाजपा को मिली प्रचंड जीत का भी राज एकबार फिर शनिवार को खुल गया। साफ हो गया कि सीएम पुष्कर धामी का ही वो करिश्मा था, जिसने पीएम मोदी के मंत्र को जन जन तक पहुंचा कर अवाम का दिल जीतने का काम किया।
पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा समेत भाजपा के भारी लाव लश्कर के बावजूद पार्टी ने पहले हिमाचल चुनाव हारा और कर्नाटक में करारी हार हुई। वो भी तब जबकि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व बेहद कमजोर रहा। न ही राष्ट्रीय नेतृत्व की कर्नाटक में सक्रियता रही। उसके बावजूद कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत हासिल की। राजनीतिक जानकार साफ बता रहे हैं कि ये हार पीएम नरेंद्र मोदी की हार नहीं है। राज्य के लोगों को पीएम से और केंद्र की सरकार से कोई नाराजगी नहीं थी, बल्कि राज्य सरकार को लेकर नाराजगी थी। राज्य के नेताओं का जनता में जादू खत्म हो चुका था।
उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में भी कमोबेश यही स्थिति जुलाई 2021 से पहले रही। उस दौरान भी सर्वे भाजपा को उत्तराखंड में हारा हुआ मान कर चल रहे थे। भाजपा को लगातार दो सीएम को हटाना तक पड़ा। पहले त्रिवेंद्र और बाद में तीरथ रावत को हटाया गया। तब पीएम मोदी ने युवा तुर्क पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी। ये युवा पुष्कर का ही जादू रहा जो, जिस भाजपा को दहाई के आंकड़े तक पहुंचने में पसीने छूट रहे थे, उसने 47 सीटें जीत कर इतिहास रच दिया। वो भी उस राज्य में, जहां कभी किसी पार्टी की दोबारा सरकार नहीं बनी।
अंतर साफ था कि जुलाई 2021 से फरवरी 2022 तक सीएम पुष्कर ने राज्य की जनता की नब्ज को भांपते हुए पूरा सियासी परिदृश्य ही बदल दिया। पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों से जो माहौल बना, उस माहौल को अंतिम समय तक बनाए रखा। जनता के बीच पीएम मोदी के संदेश को मजबूती के साथ पहुंचाने का काम किया। वो भी उस राज्य में जहां, हर जिले और हर सीट पर चुनावी समीकरण, माहौल बिल्कुल बदला हुआ रहता है। पहाड़, मैदान, तराई, कुमाऊं, गढ़वाल, राजपूत, ब्राह्मण जैसी पेचिदगियों के बावजूद पुष्कर ने हर वर्ग, संप्रदाय को साधने में सफलता हासिल की। यही वजह है, जो सीएम पुष्कर का जादू केंद्र सरकार और भाजपा आलाकमान पर सिर चढ़ कर बोल रहा है।

By amit