*काशीपुर के आयुष्मान सूचीबद्ध ‘संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल’ पर निलंबन की कार्रवाई*
*-राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा 150 से अधिक मामलों में पाई गई अनियमितताएं*
*- जांच-पड़ताल के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने उठाया कठोर कदम*
देहरादून: राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण। काशीपुर के आयुष्मान सूचीबद्ध संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के क्लेम्स में पाई गई कई अनियमितताएं। इस बार यह मामला संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, मुरादाबाद रोड, काशीपुर, उधम सिंह नगर का है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की टीम द्वारा प्राप्त लगभग 150 से अधिक क्लेम्स के प्रशिक्षण में कई तरह की अनियमितताएं सामने आई है। अधिक क्लेम लेने के प्रयास में हॉस्पिटल द्वारा मरीजों की आईसीयू बेड की फोटो उपलब्ध नहीं कराई गई है, आईसीयू हेतु दाखिल की गई मरीजों की फोटो में आइवी लाइन दृष्टनीय नहीं है, मरीजों को आईसीयू से डायरेक्ट रिचार्ज दिखाया गया है, आवश्यक पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हैं। जांच में यह भी पाया गया कि 50 से अधिक मामलों में हॉस्पिटल के डॉक्टर सौरभ मिश्रा द्वारा मरीजों का उपचार किया गया, जबकि डॉक्टर सौरव मिश्रा एक अधिकृत डॉक्टर नहीं हैं। ऐसी कई अनियमितताएं सामने आई हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार हॉस्पिटल ने NHA की गाइडलाइंस का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। शिकायतों व जांच-पड़ताल के बाद राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने काशीपुर के संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की सूचीबद्धता निलंबित कर दिया गया है। इस तरह के कृत्य से मरीजों की जान को भी खतरा हो सकता है। संबंधित हॉस्पिटल से रिकवरी की भी प्रक्रिया की जाएगी।
आयुष्मान योजना को संचालित कर रहे स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन डी.के. कोटिया ने बताया कि काशीपुर के संजीवनी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की ओर से भुकतान के लिए भेजे गए 150 से अधिक मामलों में अलग-अलग तरह की अनियमितताएं पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि आईसीयू में इलाज दिखाकर मरीजों के फोटो सामान्य वार्ड के पाए गए हैं, मरीजों की फोटो में आइवी लाइन दृष्टनीय नहीं है। साथ ही आवश्यक पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट का ना होना और अधिकृत डॉक्टर द्वारा मरीजों का इलाज ना कराना। ऐसी तमाम तरह की अनियमितताओं को देखते हुए अस्पताल को योजना से बाहर करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल को नोटिस भेजकर 5 दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। नोटिस के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आयुष्मान योजना का संचालन कर रहे राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जहां बेहतर कार्य करने वाले अस्पतालों को समय-समय पर प्रोत्साहित किया जाता है वहीं किसी तरह की लापरवाही या अनियमितताएं करने वाले हॉस्पिटलों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई भी की जाती है।