पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि खुरपिया फार्म में डिजिटल ईकाइयों के साथ औद्योगिक एस्टेट बनना एक अच्छी खबर है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में कई औद्योगिक एस्टेट जिनको सिडकुल कहते हैं और उससे इतर भी बने, चलिए दस साल के बाद ही सही 11वें साल में कुछ सोचा, अभी तो केवल कहा ही है। मगर एक बात में ध्यान में लाना चाहता हूं जब यह जमीनें निकाली गई और किसी तरीके से हमने इनको राज्य सरकार के नियंत्रण में लिया तो उस समय हमारी कैबिनेट ने निर्णय किया था कि खुरपिया फॉर्म, पराग फॉर्म, यहां तक की जिस भूमि को हमने वर्चुअली खरीदा हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन से उस भूमि में से एक चौथाई भूमि को आपदा पीड़ित गांवों के विस्थापन के लिए प्रयोग में लाएंगे और एक चौथाई जमीन का उपयोग हम राज्य के भूमिहीनों को बसाने के लिए करेंगे और शेष भूमि को औद्योगिकरण जिसमें महिला उद्यमिता भी सम्मिलित है उसके लिए करेंगे बल्कि मैंने खुरपिया फार्म में लगभग 50 एकड़ जमीन महिला उद्यमिता के नाम पर निर्धारित करने के निर्देश दिए।