देहरादून। भवन निर्माण की नई प्रस्तावित उप-विधियों एवं मास्टर प्लान वर्ष 2041 के जरिए दून शहर के नियोजित विकास को लेकर आज क्वालिफाइड आर्किटेक्टस ने आज देवभूमि आर्किटेक्ट एसोसिएशन के बैनर तले मुख्य नगर नियोजक से मुलाकात की। इस दौरान एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा अपने महत्वपूर्ण सुझाव सीटीपी को दिए गए।
देवभूमि आर्किटेक्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डीके सिंह, सचिव विनय सिंह आदि ने आज mdda कॉम्प्लेक्स स्थित सीटीपी कार्यालय में मुख्य नगर नियोजक से भेंट की। पदाधिकारियों का कहना था कि नए प्रस्तावित बायलाज के ड्राफ्ट में जो प्रावधान किए जा रहे हैं वे शहर हित में हैं। जिनके लागू होने से शहर में अवैध निर्माणों को रोकने में न केवल मदद मिलेगी बल्कि शहर का भी नियोजित विकास होगा। आपको बता दें कि ड्राफ्टमैन की ओर से उन्हें 200 वर्ग मीटर से ज्यादा पर काम करने देने का अनर्गल दबाव सरकार पर बनाया जा रहा है जबकि mdda के 1985 में बने बायलॉज में ही स्पष्ट है कि ड्राफ्टमैन 200 वर्ग मीटर से ज्यादा में काम नहीं करेंगे लेकिन अब तक होती आयी लापरवाही के कारण यह लोग कितने भी भू क्षेत्र में काम करते आ रहे हैं जबकि वे इसके लिए नियमानुसार पात्र ही नहीं हैं। यहां यह भी बता दें कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है और इसकी भौगोलिक परिस्थितियां दूसरे राज्यो से न केवल अलग हैं बालको भूकंप के लिहाज से भी यह पूरा राज्य संवेदनशील है। हाल में जिस तरह जोशीमठ शहर ही धंसने लगा उसको देखते हुए अब औऱ भी अधिक नियोजित विकास की जरूरत है। इन तमाम बातों की ओर भी मुख्य नगर नियोजक का ध्यान आकर्षित कराया गया।