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भ्रष्टाचार पर धामी सरकार का करारा प्रहार, सीएम धामी की भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की मुहिम ला रही रंग

देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जबरदस्त मुहिम छेड़ी हुई है। धामी सरकार भ्रस्टाचारियों के खिलाफ एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। आज भी विजिलेंस ने हल्द्वानी सेक्टर में कड़ी कार्रवाई करते हुए एक पटवारी को रंगे हाथ पकड़ लिया। बीते एक साल में धामी सरकार द्वारा कई भ्रष्ट अफसरों को सलाखों के पीछे भेजकर स्पष्ट कर दिया गया है कि इस मामले में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
सीएम पुष्कर धामी ने साफ किया है की विभागों में कमीशन मांगने वालों, जनहित के कार्यों में रिश्वत मांगने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सीधी कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारी छोटा हो या कोई बड़ा अफसर, किसी को भी भ्रष्टाचार की छूट नहीं दी जाएगी। सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से काम करना होगा। भ्रस्टाचार की रोकथाम को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मुहिम 1064 नंबर भी जारी किया गया है। इस मुहिम के तहत यदि किसी भी सरकारी विभाग में कोई कर्मचारी, अधिकारी आम जनता से किसी भी तरह की रिश्वत मांगता है तो 1064 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर शिकायत की जा सकती है। शिकायत करने वाले का नंबर गुप्त रखा जाएगा। भ्रष्टाचार की शिकायत पर बेहद सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जांच एजेंसियों को खुली छूट दी गई है।

 

 

 

यूं हो रही निरंतर कार्रवाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड अभियान के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। बीते कुछ समय में जहां एक ओर विभिन्न विभागों के भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ धामी सरकार ने कार्रवाई की है वहीं विजिलेंस द्वारा लगातर ट्रैप की कार्रवाई भी गतिमान है। हाल में वित्तीय अनियमित्ताओं के चलते सीएम धामी के निर्देश पर सिडकुल में कई अधिकारियों को निलंबित किया गया था। इससे पहले मुख्यमंत्री ने उद्यान निदेशक को भी वित्तीय अनिमित्ताओं के चलते निलंबित किया। आईएएस रामविलास यादव हो या नकल माफिया। सबके खिलाफ सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। अकेले नकल गिरोह में शामिल 80 से ज्यादा लोगों को सलाखों के पीछे पहुँचाया गया।

 

भ्रष्टाचार के मामलों में धामी सरकार द्वारा की गई विभिन्न कार्रवाईयां

-भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के आरोपी आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को भेजा गया जेल

-आय से अधिक संपत्ति व पद का दुरुपयोग करने पर आईएफएस अधिकारी किशन चंद पर कार्रवाई

-उद्यान विभाग के निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा को किया गया निलंबित

-भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले को लेकर आदेशों का पालन नहीं कर रहे थे आयुर्वेद विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक अमित जैन पर एक्शन

-परिवहन निगम में उपमहाप्रबंधक (वित्त) के पद पर तैनात भूपेन्द्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई हुई। कांट्रेक्चुल बस मालिकों से सांठगाठ कर पैसे के हेरफेर, रिश्वत मांगने और उन पैसों को अपने बच्चों और रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट में डालने के आरोप थे।

-देहरादून के राजपुर रोड़ पर गलत तरीके से जमीनों पर अवैध कब्जा करने पर रिटायर्ड लेखपाल कुशाल सिंह राणा और राजेन्द्र डबराल पर मुकदमा हुआ दर्ज।

-रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी लेखपाल महिपाल सिंह पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज।

-विजिलेंस ने पीसीएस निधि यादव के खिलाफ की जांच की शुरू।

-रजिस्ट्रार कार्यालय (देहरादून) में अनियमितताओं पर सख़्त निर्णय लेते हुए स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, उत्तराखण्ड के उप निबंधक श्री राम दत्त मिश्र को किया निलंबित।

-राजकीय कार्यों में लापरवाही बरतने पर राज्य कर विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों वी.पी. सिंह, संयुक्त आयुक्त (वि.अनु. शा./प्रवर्तन) राज्य कर देहरादून, डॉ. कुलदीप सिंह, सहायक आयुक्त, प्रभारी सचलदल इकाई, राज्य कर आशारोडी, देहरादून एवं यशपाल सिंह, उपायुक्त (वि. अनु.शा./ प्रवर्तन) राज्य कर देहरादून को किया गया निलंबित।

-नक़ल माफियाओं पर कार्रवाई के क्रम में उत्तराखण्ड एसटीएफ ने अभी तक 57 आरोपियों को जेल के पीछे भेजा है और 24 मुख्य आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है।

By amit

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