*राज्य को मिला ‘इन्वेस्टमेंट’ और सीएम धामी को ‘पॉलिटिकल माइलेज’*
*‘उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ के सफल आयोजन से मुख्यमंत्री धामी ने खींची लम्बी लकीर*
*सम्मेलन में लक्ष्य से ज्यादा हुए निवेश करार, मोदी-शाह ने थपथपाई पीठ*
*पॉजिटिव अप्रोच, कमिटमेंट और टीम वर्क से बढ़ा धामी का सियासी कद*
देहरादून। 2.5 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य। लक्ष्य ये ज्यादा 3 लाख करोड़ के हुए करार और करार में से 44 हजार करोड़ की हुई ग्राउण्डिंग। ये आंकड़े धामी सरकार के ‘इन्वेस्टर समिट’ की सफलता बयां करने के लिए काफी हैं। निवेश से इतर बात करें तो यह समिट धामी को ‘पॉलिटिकल माइलेज’ भी दे गया। उत्तराखण्ड में अब तक के सबसे बड़े आयोजन की संकल्पपूर्ति और मोदी-शाह की जोड़ी का पूर्ण वरदहस्त मिलने से धामी के सियासी कद में इजाफा हुआ है।
धामी सरकार ने ‘उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ का लक्ष्य जब 2.5 लाख करोड़ रुपए का निर्धारित किया था तो ज्यादातर लोग इसे असंभव मान रहे थे। हर किसी का कहना था कि छोटे से राज्य उत्तराखण्ड के लिए यह बहुत बड़ा लक्ष्य है। लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने इन बातों की परवाह किए बगैर समिट की तैयारियां शुरू कर दी। काबिल अफसरों की टीम बनाकर उन्होंने देश और विदेश में रोड शो और निवेशकों के साथ मीटिंग शुरू कर दी। अपने मंत्रियों को साथ लेकर उन्होंने निवेशकों के सामने लुभावने प्रस्ताव रखे। इसी अन्तराल में एक के बाद एक 30 पॉलिसी में सुधार करके उन्हें फिर से लागू किया। नई पॉलिसी में निवेशकों के लिए शिथिलता प्रदान की गई। सब्सिडी के ऑफर दिए गए। समिट का ठोस होमवर्क करने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उद्घाटन और समापन समारोह में आने के लिए आमंत्रित किया। इधर, अफसरों की एक टीम समिट के आयोजन स्थल (फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून) को सजाने संवारने मे जुट गई। दिन रात की मेहनत के बाद एफआरआई के परिसर में वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से सुसज्जित एक शानदार वैन्यू तैयार किया गया। ‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड’ की थीम पर आयोजित इस समिट में पहाड़ी संस्कृति, खान पान और परम्पराओं को खासी तवज्जो दी गई। चाक चौबंद व्यवस्थाओं के बीच 8 दिसम्बर को समिट की शुरुआत हुई। उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने एक अभिभावक के रूप में पूरी जिम्मेदारी के साथ उत्तराखण्ड में पूंजी निवेश करने के लिए निवेशकों का आह्वान किया। बताया कि उन्हें क्यों उत्तराखण्ड में निवेश करना चाहिए और कैसे उनका निवेश सुरक्षित रहेगा। कई बार पीठ थप-थपाकर उन्होंने धामी को भरोसेमंद मुख्यमंत्री बताया। सिलसिला यहीं पर नहीं रुका। समिट का समापन करने पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड की सबसे ज्यादा प्रगति करने वाले मुख्यमंत्री हैं। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री की पॉजिटिव अप्रोच, कमिटमेंट, टीम वर्क और कलेक्टिव एफर्ट्स ने ‘उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ को सफल और ऐतिहासिक बना दिया।
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