उत्तराखंड की कमान भाजपा आलाकमान ने यूं ही युवा तुर्क पुष्कर सिंह धामी के हाथ नहीं सौंपी है। दरसअल, धामी में वे तमाम खूबियां कूट-कूट कर भरी हैं जो एक कुशल लीडर में होनी चाहिए।
अब, आज की ही बात करें तो बुधवार देर रात टिहरी व रुद्रप्रयाग जनपदों में भारी बारिश से जान-माल दोनों का काफी नुकसान हुआ। प्रदेश में हो रही इस बारिश से खतरा भांपकर पूरा सिस्टम मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में बुधवार रात से ही अलर्ट पर था। हर छोटी-बड़ी सूचना को बेहद गंभीरता से लिया गया।(केदारनाथ आपदा के समय इसी तत्परता की कमी झलकी थी।) केदारनाथ यात्रा मार्ग पर तो विशेष सतर्कता बरती गई। नतीजा, जितने भी यात्री रास्ते में थे, उन्हें ससमय सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया गया।
इधर, गुरुवार सुबह से एक बार फिर धामी, ग्राउंड जीरो पर थे। सुबह-सवेरे देहरादून के आईटी पार्क स्थित आपदा परिचालन केंद्र का उन्होंने निरीक्षण किया और अधिकारियों को क्या कुछ करना है उस पर पूरा डायरेक्शन दिया। इसके तुरंत बाद धामी, टिहरी पहुँचे। यहां हुई दुःखद घटना को लेकर उन्होंने प्रशासन से अपडेट लेने के साथ ही सभी जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए। इस दौरान गमजदा परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। इसके फौरन बाद वे रुद्रप्रयाग के आपदाग्रस्त क्षेत्रों के स्थलीय निरीक्षण को पहुँचे। यहां चल रहे राहत बचाव कार्य का जायजा लेने के साथ ही यात्रियों से भी उनकी कुशलक्षेम जानी।
दोपहर बाद जब सीएम देहरादून लौटे तो बगैर देर किए सचिवालय में अधिकारियों की फिर बैठक बुला ली। दूरगामी सोच के धनी, धामी ने इस दौरान, मानसून के तत्काल बाद प्रदेश में सड़कों की मरम्मत शुरू करने के निर्देश दिए। इसी बीच, जब म्यांमार में कुछ उत्तराखंडी युवाओं के फंसे होने की उन्हें जानकारी मिली तो तत्काल विदेश मंत्री को फोन कर इन युवाओं की सुरक्षित वापसी का अनुरोध किया।