बाड़ाहाट में निर्दलीय प्रत्याशी की खामोशी मतदाताओं को लगी है अखरने
– भाजपा प्रत्याशी किशोर भट्ट नगर क्षेत्र को लेकर अपनी प्राथमिकताएं लगातार गिना रहे हैं, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी ने अब तक नहीं खोली है अपनी जुबान, वायदे करने से डर रहे हैं या सता रहा है हार का डर
नगर पालिका चुनाव अब अपने आखिरी दौर में है। डोर टू डोर संपर्क अभियान के बाद अब नगर पालिका अध्यक्ष पद के प्रत्याशी प्रचार में अब पूरी ताकत झोंक चुके हैं। बाड़ाहाट नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए भले ही तीन प्रत्याशी मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी किशोर भट्ट और निर्दलीय प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह चौहान के बीच ही सिमट कर रह गया है। जबकि कांग्रेस इस पूरे मुकाबले में बुरी तरह से पिछड़ चुकी है। वहीं, जहां भाजपा प्रत्याशी किशोर भट्ट नगर क्षेत्र के विकास, समस्याओं के निस्तारण को लेकर अपना संकल्प पत्र तक जारी कर चुके हैं जबकि वहीं मुख्य प्रतिद्वंदी भूपेंद्र सिंह चौहान ने अपनी प्राथमिकताओं या संकल्प को लेकर एक शब्द तक नहीं कहा है। वह चुनाव जीतने के बाद नगर क्षेत्र में किस तरह से काम करेंगे उसे लेकर उन्होंने एक खामोशी ओढ़ रखी है।
नगर निकाय चुनाव प्रचार अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है। उत्तरकाशी जनपद के पांच नगर निकायों में सबसे हॉट सीट बन चुकी बाड़ाहाट नगर पालिका पर सबकी नजरें टिकी है। यहां भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के गढ़वाल समन्वयक किशोर भट्ट को प्रत्याशी बनाया गया है जबकि भाजपा से टिकट न मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान भी चुनावी मैदान में है। हालांकि, नगर निकाय बाड़ाहाट में अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की ओर से दिनेश गौड़ भी चुनावी मैदान में है लेकिन वह पहले दिन से ही चर्चाओं से गायब है। लिहाजा, मुख्य मुकाबला किशोर भट्ट और भूपेंद्र सिंह चौहान के बीच सिमट कर रह गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बेहद करीबी और उनके गढ़वाल समन्वयक किशोर भट्ट अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद अपनी प्राथमिकताओं को बार बार बता चुके हैं। उन्होंने बीते दिनों नगर पालिका क्षेत्र के विकास के लिए संकल्प पत्र भी जारी किया जिसमें उत्तरकाशी नगर पालिका क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या कूड़े के निस्तारण समेत कई समस्याओं के निस्तारण के साथ ही ढांचागत सुविधाओं की स्थापना समेत कई महत्वपूर्ण वायदे किए गए हैं। वहीं, किशोर भट्ट के पूरे चुनावी अभियान के दौरान भी इस बात की खूब चर्चा होती रही है कि उनके मुख्यमंत्री के बेहद करीबी होने का फायदा उनके अध्यक्ष चुने जाने पर नगर पालिका को भी होगा। मतदाताओं के बीच लगातार चर्चा भी हो रही है कि मुख्यमंत्री से करीबी होने के नाते किशोर भट्ट के अध्यक्ष चुने जाने पर नगर पालिका की कई महत्वपूर्ण बहुप्रतिक्षित योजनाओं के लिए सरकार अपना खजाना खोल सकेगी। हालांकि, किशोर भट्ट की ओर से जारी संकल्प पत्र भी इस बाद की तस्दीक करती है कि नगर क्षेत्र में बहुप्रतिक्षित कई महत्वपूर्ण ढांचागत निर्माण, महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन उनकी प्राथमिकता में भी होगा।
वहीं, दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे भूपेंद्र सिंह चौहान ने टिकट न मिलने पर भाजपा से बगावत कर नामांकन किया था जिसके बाद भाजपा की ओर से उन्हें पार्टी से निलंबित किया गया है। भूपेंद्र सिंह चौहान 2008 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अध्यक्ष पद के लिए चुने गए, 2019 में भूपेंद्र सिंह चौहान ने फिर से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा हालांकि, इससे पहले 2017 में भी वह निर्दलीय ही गंगोत्री विधानसभा से भी विधायक के लिए अपनी किस्मत आजमा चुके हैं लेकिन वहां भी उन्हें शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा तो जमानत तक जब्त करवा बैठे थे। अब भूपेंद्र सिंह चौहान फिर से अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मैदान में है। तमाम क्षेत्रीय जातीय समीकरणों की दुहाई के देकर वह लोगों से समर्थन तो मांग रहे हैं लेकिन चुनाव के आखिरी दौर में पहुंचने के बावजूद भी वह नगर क्षेत्र के विकास को लेकर अपनी प्राथमिकताएं, अपने वायदे सामने नहीं रख सके हैं। भूपेंद्र सिंह चौहान जीतने के बाद नगर क्षेत्र में क्या करेंगे, किन समस्याओं का निस्तारण उनकी प्राथमिकताएं होंगी इसके लेकर वह पूरी तरह से खामोशी ओढ़े हुए हैं। ऐसे में उनकी खामोशी अब मतदाताओं को भी अखर रही है। वह अपने समर्थकों के साथ प्रचार में तो घूम घूमकर वोट मांग रहे हैं लेकिन नगर को लेकर अपना नजरिया, अपने वायदे अब तक नहीं बंया कर सके हैं।