देहरादून। प्रदेश के सैंकड़ों छोटे अस्पतालों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। सरकार क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में बदलाव कर 50 बेड तक के अस्पतालों को ऐक्ट से बाहर कर सकती है। इसके लिए act में बदलाव का प्रस्ताव तैयार हो रहा है।
राज्य में 2019 से क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट लागू है। उसके बाद से सभी अस्पतालों के लिए ऐक्ट में पंजीकरण और उसकी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। 2020 में कोरोना के बाद से अभी तक ऐक्ट को लेकर बहुत अधिक सख्ती नहीं की है। लेकिन आने वाले समय में सख्ती होनी है। इसे देखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ऐक्ट में 50 बेड तक के अस्पतालों को बाहर रखने की मांग कर रहा है। सरकार ने ऐक्ट में बदलाव की हामी भरी थी जिसके तहत विभाग ऐक्ट में बदलाव का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसमें 50 बेड तक के अस्पतालों को रियायत देने का प्रस्ताव तैयार हो रहा है।
बताया जा रहा है कि 50 बेड तक के अस्पतालों को एक्ट में एक बार पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा उन्हें रिन्यूअल नहीं कराना होगा और न ही एक्ट का कोई भी मानक उन पर लागू होगा। इससे अस्पतालों को भवन के मानक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानक, डॉक्टर और स्टाफ के अनुपात और भर्ती चार्ज सहित अन्य मानकों से छूट मिल जाएगी।