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Dehradoon. प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल ने जीएसटी सर्वे और छापेमारी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए रोष व्यक्त किया। व्यापारियों का कहना है कि सरकार का हर कदम पर व्यापारी समाज साथ देता आ रहा है। लेकिन, जीएसटी के नाम पर अधिकारी सरकार को गलत जानकारी दे रहे हैं। व्यापारियों का एक दल जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर इस विषय पर अपनी मांग को रखेगा। इसके बाद सरकार गंभीरता से नहीं लिया तो व्यापारी लांमबंद होकर विरोध करेंगे।

 

गुरुवार को प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल की सलाहकार समिति, जिलाध्यक्षों और जिला महामंत्री बैठक हुई। बैठक के पश्चात प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि प्रदेश के 19 जिले के पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए। इस दौरान जीएसटी सर्वें सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई। हम सरकार को पूरा सहयोग कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। व्यापारी पहले से ही विभिन्न प्रकार के टैक्स को ईमानदारी से जमा कर रहा है। लेकिन, अब टैक्स संग्रह बढ़ाने के नाम पर व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है ।अधिकारी सरकार को गलत जानकारी देकर व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं जिसे व्यापारी बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार को सही तरीके से काम करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अनेकों खामियों के बावजूद व्यापारी जीएसटी भर रहे हैं। अगर किसी व्यापारी के पास जीएसटी से जुड़े कमियां देखने को मिल रही है तो दूर किया जाए नकि उनको परेशान किया जाए।कोई शिकायत है तो उसका व्यवहारिक पक्ष को ध्यान में रखते हुए सुव्यवस्थित और निराकरण करना सरकार का काम है। राज्य निर्माण से पहले प्रदेश में 160 करोड़ का राजस्व होता था। जबकि आज बढ़कर 8000 हजार करोड़ हो गया है। छोटा और पर्वतीय राज्य होने के नाते छोटे- छोटे व्यापारी है। फिर भी इतनी मात्रा में राजस्व संग्रह होने बाद भी संतुष्ट नहीं होना समझ से परे है। ऐसे में व्यापारियों की हित की चिंता भी करनी चाहिए। जीएसटी के आड़ में 18 प्रतिशत से अधिक का जुर्माना काटना कहीं से तर्कसंगत नहीं लगता है।

अनिल गोयल ने कहा कि सरकार व्यापारियों की हितों को लेकर कल्याण कोष बनाए और अधिकारियों की मनमर्जी पर रोक भी लगाए। उन्होंने बताया कि व्यापारी जीएसटी सर्वें को बंद करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री और वित्त से शीघ्र मिलकर विरोध जताएंगे। बावजूद सरकार उनकी बातों को अनसुना करती है तो पूरी एकजुटता के साथ व्यापारी वर्ग बाध्य होकर विरोध को उतरेंगे यह निर्णय आज प्रान्तीय उधोग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल सलाहकार समिति व संगठन के जिलाध्यक्ष , महामन्त्रीयों की सम्पन्न हुई वैठक में लिया गया ।
वैठक को सम्बोधित करते हुए, प्रान्तीय उधोग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल सलाहाकार समिति के अध्यक्ष,संगठन के चेयरमैन अनिल गोयल जी ने कहा कि, उत्तराखण्ड राज्य में व्यापारी सरकार का सबसे प्रमुख कर दाता है। राज्य स्थापना के पूर्व व्यापारीयों द्वारा मात्र 160 करोड़ का कर अदा किया जाता था,जो अब तक बढ़ कर 8 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। जी०एस०टी० से आय बढ़ाने के लिये राज्य सरकार को सर्वे व छापे के बजाय जी०एस०टी० में पंजियन करने के लिये प्रशासक के बजाय सहुलियत दाता की भूमिका अदा करनी चाहिए, तथा संगठन की नगर व कस्बा इकाइयों को और अधिक जागरूक किया जाना चाहिए। इसके लिए आपसी विश्वास, संवाद कायम करने के उपाय करने चाहिए। जिसके तहत बैठके, सम्मेलन आयोजित किए जाने चाहिए। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष माननीय नवीन चंद्र बर्मा  ने कहा कि सर्वे छापे किसी भी स्थति में स्वीकार्य नहीं है और इनका हर स्तर पर, हर तरीके से विरोध किया जायेगा। इसके लिए आंदोलन, धरना, प्रदर्शन, घेराव, तालाबनदी आदि कार्यक्रम सम्पन्न किए जायेंगे। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में इसका पुरजोर विरोध करने का समर्थन किया। आन्दोलन को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने की जिम्मेदारी महामंत्री प्रकाश चंद्र मिश्रा को दी गई। वे शीघ्र ही सभी जिला इकाइयों में बैठके आयोजित कर, इसे सफल बनाने का कार्य करेंगे। बैठक में संगठन के 14 जनपदों के पदाधिकारी मौजूद थे । बैठक को संरक्षक बाबूलाल गुप्ता, दून उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया, कार्यकारी अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल जी, उपाध्यक्ष श्री सुभाष कोहली ,,श्री राकेश कुमार डिमरी श्री प्रमोद गोयल, श्री सुनील मेसोंन, श्री ओम प्रकाश अरोड़ा ,दिनेश डोभाल, संजय गर्ग, अब्दुल अतीक ,निर्मल हंसपाल,अशोक छाबड़ा, अश्वनी छावड़ा ,सुरेश बिष्ट,बासुदेव कंडारी, अंकुर खन्ना, नरेश अग्रवाल, सुरेश गुलाटी ,विश्वतोश, सिद्धार्थ अग्रवाल, कृष्ण कुमार सिंघल, संजीव नैय्यर, दिलप्रीत सेठी, कर्म सिह, आदि ने संबोधित किया।

 

By amit

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