देहरादून। राज्य में स्थापित औषधि निर्माता फर्मों के उपयोगार्थ इण्डियन फार्माकोपिया कमिशन, भारत सरकार एवं औषधि प्रशासन विभाग, उत्तराखण्ड के सौजन्य से होटल एलपी विलास, चकराता रोड, देहरादून में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला का शुभाराम्भ डॉ० राजीव कुमार रघुवंशी सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक, इण्डियन फार्माकोपिया कमिशन, श्री ताजबर सिंह औषधि नियंत्रक, उत्तराखण्ड, श्री असीम साहू, उप औषधि नियंत्रक (भारत) एवं देवभूमि ड्रग मैनुफैक्चरर्स एसोसियेशन, उत्तराखण्ड के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
इस कार्यशाला में उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित औषधि निर्माता फर्मों में कार्यरत लगभग 200 केमिस्टों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला का संचालन स्वागत सन्देश के साथ मीनाक्षी दहिया, प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी आईपीसी, श्री संदीप जैन चेयरमेन एकम्स ग्रुप एवं श्री संजय सीकरिया, चेयरमेन-सन केयर फार्मूलेशन्स द्वारा किया गया । मीनाक्षी दहिया द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि कोरोना काल के बाद प्रथम कार्यशाला का आयोजन उत्तराखण्ड राज्य देवभूमि से ही किया जा रहा है।
संदीप जैन, चेयरमेन एकम्स ग्रुप द्वारा प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रोगियों के उपचारार्थ औषधियों का निर्माण करना एक पुण्य कार्य जैसा है तथा औषधि निर्माता फर्मों में कार्यरत कैमिस्टों का औषधियों की गुणवत्ता बनाये रखने में विशेष भूमिका है जिस हेतु इस प्रकार की तकनीकी कार्यशला उनके कौशल विकास हेतु अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होंगी । एलसंजय सीकरिया द्वारा अवगत कराया गया कि देवभूमि ड्रग मैनुफैक्चरर्स एसोसियेशन, उत्तराखण्ड द्वारा राज्य में स्थापित औषधि निर्माता फर्मों के उपयोगार्थ भारत सरकार के अनुदान से SME CDP (Cluster Development Scheme) के अन्तर्गत एक कॉमन टैस्टिंग लैब स्थापित किये जाने का प्रस्ताव दिया है, जिस हेतु उनके द्वारा श्री ताजबर सिंह, औषधि नियंत्रक से एक एकड़ भूमि राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया गया ।
तकनीकी सेशन में डॉ० राजीव कुमार रघुवसी सचिव-सह-वैज्ञानिक निदेशक, डॉ० रोबिन कुमार, प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी डॉ० मीनाक्षी दहिया, प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी द्वारा औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु औषधियों के विश्लेषण में नवीन तकनीक एवं रेफरेन्स स्टैण्डर्डस की वैज्ञानिक जानकारी दी गयी
अन्त में श्री संदीप जैन, श्री संजय सीकरिया एवं श्री अशोक विण्डलास द्वारा आईपीसी के पदाधिकारियों को शॉल एवं गंगाजल भेंट कर कार्यशाला का समापन किया गया।