खरबंदा व पुंडीर मिलकर तीन बिल्डरों को लगा चुके हैं करोडों का चूना, जिस केस को पुलिस ने किया था बंद, अब उन्हीं मामलों के आधार पर कार्रवाई में जुटी ईडी!
करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर जितेंद्र खरबंदा व अजय पुंडीर पर हाथ डालने में अब तक पुलिस कतराती रही। दोनों के विरुद्ध राजपुर थाने में तीन मुकदमे दर्ज होने के बावजूद पुलिस की जांच धीमी गति से चल रही है। साक्ष्य होने के बावजूद भी दोनों के विरुद्ध मुकदमे कोर्ट के आदेश पर दर्ज किए गए।
आरोप है कि इन दोनों आरोपितों ने तीन बिल्डरों को 33 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। दून वैली कोलोनाइजर्स से 12 करोड़ रुपये की घोखाधड़ी के मामले में तो पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट (एफआर) तक लगा दी। अब इसी मामले को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गंभीरता से लेते हुए दोनों आरोपितों से पूछताछ की है।
आरोपित अजय पुंडीर वर्ष 2013 से ही जमीनों की खरीद-फरोख्त में जुड़ गया था। उसने वर्ष 2013-14 में तरला नागल में काश्तकारों की जो जमीन व्यावसायिक थी उन्हें कृषि भूमि बताकर औने-पौने दामों में खरीद लिया। इसके बाद वर्ष 2015 में बड़े बिल्डर को मोटे मुनाफे में बेच दिया। इसके बाद जितेंद्र खरबंदा ने वर्ष 2020 में देहरादून में जमीनों की खरीद-फरोख्त शुरू की। थानी गांव, चालांग, धाकपट्टी, धोरणखास में धोखाधड़ी से कई
जमीनें खरीदी।
जांच में सामने आया है कि जितेंद्र खरबंदा ने जिस बालाजी डेवलपवेल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिल्डरों से एमओयू किया वह वर्ष 2007 में ही बंद हो गई थी। बंद पड़ी कंपनी के नाम पर एमओयू करके जो करोड़ों रुपये की धनराशि मिली वह दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दी। अब ed ने इसी आधार पर कार्रवाई की है।