Dehradoon. राज्य सरकार ने डाउनग्रेड वेतनमान पर विवाद के बीच स्थिति साफ कर दी है। सरकार का कहना है कि पुराने कर्मचारियों के वेतनमान से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी, जबकि नई भर्ती वालों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर वेतनमान देने का फैसला लिया है।
बीते बुधवार को कैबिनेट ने राज्य में कर्मचारियों को केंद्र सरकार में संबंधित संवर्गों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर वेतनमान देने का निर्णय लिया था। दरअसल, राज्य में 40 से ज्यादा संवर्गों के हजारों कर्मी आयोग की सिफारिश से ज्यादा वेतनमान ले रहे हैं। अब सरकार के उक्त फैसले से उनमें उबाल आ गया। इसके बाद मंगलवार को सरकार ने एक बयान जारी कर वेतनमान के संदर्भ में अपना रुख साफ कर दिया है।
कर्मचारियों के वेतन विसंगतियों को लेकर पूर्व में सरकार ने वेतन विसंगति समिति बनाई थी। समिति ने सिफारिश की कि राज्य ने कर्मचारियों के वेतन-भत्तों को लेकर केंद्र सरकार से समानता का सिद्धांत स्वीकार किया है, पर बीते वर्षों के दौरान कुछ ऐसे फैसले लिए गए जिससे विभिन्न कर्मचारी संवर्गों के बीच अंतरसंवर्गीय संतुलन प्रभावित हो गया। लिहाजा राज्य के वित्तीय संसाधनों के मद्देनजर पुनर्विचार की जरूरत है।
इसके बाद राज्य सरकार ने कहा कि विभिन्न प्रशासकीय विभागों और उनके अधीन स्थापित संस्थाओं में किसी भी संवर्ग में होने वाली सीधी भर्ती और अनुकंपा नियुक्तियों में भविष्य में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश से ज्यादा वेतनमान नहीं दिया जाएगा। सरकार ने कहा,भविष्य में कर्मचारी के प्रमोशन की दशा में उन्हें अगला ग्रेड पे (वेतनमान) भी अनिवार्य रूप से केंद्र के समान देय होगा। वहीं, वर्तमान में जो कर्मचारी कार्यरत हैं, उन का वेतनमान पूर्व की भांति ही रहेगा।