विश्व संगीत दिवस पर श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन
देहरादून। विश्व संगीत दिवस के उपलक्ष्य में श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ ह्यूमेनिटीज एंड सोशल साइंसेज के तत्वावधान में ‘कल्याण अंग-एक संगीतिक विश्लेषण’ विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगीत विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी की सहायक प्रोफेसर डॉ. ऋचा वर्मा विशिष्ट वक्ता के तौर पर मौजूद रहीं।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यशवीर दीवान एवं कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खंडूड़ी ने किया।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई। संगीत विभाग की समन्वयक डॉ. प्रिया पांडे ने बताया कि विश्व संगीत दिवस दुनिया भर में विश्व के संगीतकारों और गायकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ स्कूल ऑफ ह्यूमेनिटीज एंड सोशल साइंसेज की डीन प्रो. गीता रावत के स्वागत वक्तय से हुआ।
ऑनलाइन संगोष्ठी की मुख्य वक्ता डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि संगीत और योग दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। दोनों एक प्रकार की साधना हैं। चूंकि भारत विभिन्न संस्कृतियों के साथ विविधता का देश है, इसलिए हर क्षेत्र का अपना अनूठा संगीत रूप है। विश्व संगीत दिवस संगीत के माध्यम से वैश्विक सद्भाव स्थापित करने का बेहतर तरीका है। उन्होंने संगीत के महत्व और मानव मन और शरीर के लिए यह कैसे फायदेमंद है, इस पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि राग भारतीय शास्त्रीय संगीत की आत्मा और संगीत का मूलाधार है। उन्होंने संगीत में विभिन्न प्रकार के रागों की जानकारी देने के साथ ही कल्याण अंग पर विस्तृत चर्चा की और उसकी बारीकियों को बताया। कार्यक्रम में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से प्रो लावण्या कीर्ति सिंह काव्या ने भी प्रतिभाग किया। ऑनलाइन संगोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों से शिक्षक एवं विद्यार्थीगण भी जुड़े।
इस मौके पर डीन प्रो. गीता रावत ने कहा कि संगीत न सिर्फ शारीरिक, बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। संगीत सुनना मनुष्य को जीवन में कुछ बेहतर करने और लक्ष्य केन्द्रित होने के लिए प्रेरित करता है। संगीत हमारे ध्यान को बढ़ाता है और साथ ही संगीत सुनने से हमारे अंदर सकारात्मक विचार आते हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मधु शर्मा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रिया पांडे, डॉ. अनुजा रोहिला द्वारा किया गया। ऑनलाइन संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों समेत, संबंधित सभी स्कूलों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण और सैकड़ों छात्रों ने प्रतिभाग किया।