*हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में चलाया गठिया जागरूकता अभियान*
*- गठिया का एक प्रकार बच्चों को भी कर सकता है प्रभावित*
*डोईवाला।* हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में गठिया बीमारी से बचाव को दूसरे दिन जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान गठिया का ईलाज करा रहे मरीजों ने लोगों के साथ अपने अनुभव को साझा किया।
गुरुवार को हिमालयन हॉस्पिटल में आयोजित गठिया जागरूकता अभियान को संबोधित करते हुए वरिष्ठ रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. योगेश प्रीत सिंह ने कहा कि गठिया के बारे में बहुत सी भ्रांतियां और मिथक हैं। जैसे गठिया बुढ़ापे की बीमारी है, यह एक दुर्लभ बीमारी है, गठिया का कोई इलाज नहीं है, समय के साथ ठीक हो जाएगी। गठिया के कोई लक्षण नहीं है। यह रोगों का एक समूह है जिसमें विभिन्न प्रकार के गठिया शामिल हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस उम्र बढ़ने की स्थिति है और वृद्ध लोगों को प्रभावित करता है। लेकिन अन्य प्रकार के गठिया जैसे रूमेटोइड गठिया, एंकिलोज़िंग गठिया या सोराटिक गठिया युवाओं को प्रभावित करते हैं। गठिया का एक प्रकार ऐसा भी हैं जो बच्चों को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास आने वाले मरीज अधिकतर एक सामान्य प्रश्न पूछते हैं कि मैंने सुना है कि गठिया का कोई इलाज नहीं है। यह सच नहीं है, गठिया के ईलाज के लिए प्रभावी दवाएं उपलब्ध हैं। चिकित्सा विज्ञान में प्रगति के साथ, हाल के वर्षों में गठिया के लिए कुछ नई दवाएं सामने आई हैं। गठिया का अच्छा इलाज है और उपचार के साथ गठिया रोग से पीड़ित दर्द मुक्त और बेहतर जीवन जीते हैं। इस दौरान हिमालयन हॉस्पिटल में गठिया का ईलाज करा रहे रविन्द्र वधावन ने बताया कि वह काफी लंबे समय से गठिया से पीड़त थे। उन्होंने चिकित्सक से संपर्क किया और उनके निर्देशानुसार दवा, डाइट, व्यायाम और नियमित अंतराल पर अपनी जांचें कराते रहे। जिससे उन्हें अब काफी लाभ हुआ है। इस अवसर पर हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्र-छात्राआें ने पोस्टर प्रदर्शनी नाटक के माध्यम से अस्पताल आने वाले लोगों को गठिया के लक्ष्ण व बचाव के प्रति जागरूक किया। इस अवसर पर डॉ. कमली प्रकाश, प्रीति प्रभा आदि उपस्थित थे।