स्लॉटर हाउस के मामले ने फिर पकड़ा तूल, जिला अभिहित अधिकारी के कथन से पेचीदा हुआ मामला
देहरादून। देहरादून में स्लॉटर हाउस के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है।
दरअसल, सारा मामला इस बार देहरादून के जिला अभिहित अधिकारी के उच्च न्यायालय में दिए उस बयान से शुरू हुआ है जिसमें उन्होंने कहा है कि फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट का काम केवल लाइसेंस देने का है जबकि खुद fda का एक्ट कहता है कि लाइसेंस जारी करने से लेकर बाद में किये जाने वाले निरीक्षण इत्यादि की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। वहीं, इस बात की पुष्टि इस बात से भी हो जाती है कि जिले में बीते दिनों में 50 से 60 रेजिस्ट्रेशन ऋषिकेश एवं देहरादून देहात में इन महानुभाव के द्वारा जारी किए गए। वो भी बगैर noc लिए।
यही नहीं, स्लॉटर हाउस में अनियमितताएं मिलने पर विभाग भी मुकदमे भी दर्ज कर चुका है। ऐसे में विभाग के अधिकारी का कथन और विभागीय कार्रवाई दोनों अलग अलग नजर आती है।
विदित हो कि देहरादून में पूर्व तक एक स्लॉटर हाउस होता था जिसे 2018 में बंद कर दिया गया। तब से कोई भी वैध स्लॉटर हाउस जिले में नहीं है लेकिन फिर भी जिले में बकरों, मुर्गों को काटने का काम हो रहा है।