डॉक्टर बोले, ट्रांसफर पालिसी का पालन करते हुए हों तबादले, ये तमाम मांगे भी उठाई
देहरादून। आज प्रांतीय चिकित्सा स्वा०संघ की बैठक देहरादून में हुई जिसमें राजस्थान सरकार द्वारा जबरदस्ती थोपे जा रहे बिल का विरोध करते हुए संघर्षरत चिकित्सकों समर्थन दिया गया। यदि सरकारें स्वास्थ्य का अधिकार देना ही चाहती हैं तो उन्हें अपनी स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारनी चाहिए ना कि जबरदस्ती निजी चिकित्सकों के ऊपर ऐसे कानून थोपे जाएं।
विगत 3 वर्षो से चिकित्सकों के ऊपर शून्य स्थानान्तरण, थोपा जा रहा है। हमारी पुरजोर मांग है कि सभी के स्थानान्तरण इस सत्र में ट्रांसफर एक्ट का पालन करते हुए किये जायें। यदि सरकार चिकित्सकों के लिए प्रथम से स्थानान्तरण नीति प्रख्यापित करना भी चाह रही है तो नीति बनने तक चिकित्सकों के स्थानान्तरण ट्रांसफर एक्ट को पारदर्शी और न्यायोचित तरीके से लागू करके ही किये जाएं।
3) पीजी० पर जा रहे चिकित्सकों को हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर पूर्ण वेतन दिया जाय। पी० जी० करने के उपरान्त इन चिवित्त्वों के सेवाओं में आने से विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी भी दूर की जा सकेगी।
4) स्वास्थ्य मंत्री के वादा करने के बाद भी संविदा चिकित्सकों की धड़ल्ले से सुगम क्षेत्रों में तैनाती की जा रही है, स्वास्थ्य मंत्री चाहें तो निदेशालय, से पूरी सूची दे सकते हैं कि देहरादून, नैनीताल, उदय सिंह नगर में उनके मना करने के बाद भी संविदा पर नियुक्ति दी जा रही है। इन् नियुक्तियों को निरस्त ना करने की स्थिति में उस आंदोलन को बाह्य लेंगे। क्यों नहीं इन जगह पर पहाड़ों से चिकित्सक स्थानांतरित किये जाते। सभी जिला शाखाओं से भी निवेदन अपने स्तर से ऐसे चिकित्सकों का सामूहिक बहिस्कार करते हुए विरोध करें। कई चिकित्सक इनमें ऐसे भी हैं जिन्हेंने पूरी नौकरी तो सुगम में करी अब भी वहीं जमे हुए हैं। 5 चार धाम यात्रा ड्यूटी में रहने व खाने की पदानुरूप अच्छी व्यवस्था की जाय।
चिकित्सा शिक्षा में विशेषज्ञ चिकित्सकों को पर्वतीय क्षेत्रों में वेतन का 50% अतिरिक्त पर्वतीय भत्ता दिया जा रहा है। हमारी मांग है कि सरकार प्रांतीय चिकित्सा सेवा के विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी वेतन का 50% तथा MBBS/BDS को बेतन का 25% पर्वतीय भाता अनुमन्य करे।
बैठक में अध्यक्ष डॉ मनोज वर्मा, डा० तुहिन कुमार, डा मेघना असवाल, डा० प्रताप रावत, डा० आशुतोष भारद्वाज, डा० प्रवीण पंवार, डा० पंकज बोहली डा० पीष त्रिपाठी, डा० आलोक जैन, डा० संजीव कटारिया तथा डॉ. अनिल आयी उपस्थित थे।