देहरादून। मसूरी विधानसभा सीट पर लगातार 3 बार से जीत की तलाश कर रहा थापली परिवार क्या इस बार गणेश जोशी का किला भेद पाएंगे। ये वो तमाम सवाल हैं जिनके जवाब तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में हैं लेकिन बीते 3 चुनावों में अगर पहली बार कोई नई चीज कांग्रेस के अंदर मसूरी सीट पर देखने को मिली है तो वो यह कि इस बार कांग्रेस कम से कम यहां एकजुट दिख रही है।
आपको बता दें कि 2007 के चुनाव में इस सीट से जोत सिंह गुनसोला विधायक थे जबकि 2012 से अब तक गणेश जोशी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बहरहाल, बीते डेढ़ दशक में कांग्रेस या यूं कहें कि थापली दंपति पहली बार इस सीट पर मुकाबला बनाते हुए दिख रहे हैं। सबसे अहम बात ये इस सीट पर कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला जैसे बड़े दावेदार को साधने के साथ ही गोदावरी थापली ने अन्यों को भी एकजुट करने का काम किया है।
मसूरी सीट कांग्रेस की स्पष्ट तौर से उन सीटों में शामिल है जहां पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी का कोई विरोध देखने को नहीं मिल रहा।
खैर, इस सीट पर चुनावी समीकरणों की बात करें तो सिटिंग विधायक कई मायनों में मज़बूत दिखते हैं लेकिन ऐसा भी बीते दो चुनाव के बाद पहली बार हो रहा है मुख्य प्रतिद्वंद्वी गणेश जोशी अपनी कॉउंटेरपार्ट को हल्के में नहीं लेते दिख रहे। यही वजह है कि जितनी भागदौड़ गोदावरी थापली और उनकी टीम कर रही है तो गणेश एंड टीम भी पूरी शिद्दत से मैदान में हैं।
ये है सीट का भूगोल
आपको बता दें कि इस सीट का भूगोल भी खासा इंटरेस्टिंग है। नैसर्गिक सुंदरता के लिए विश्व विख्यात मसूरी नगरी इसका हिस्सा है तो इसकी तलहटी में बसे पुरकुल से लेकर तमाम गांव हिस्सा हैं। वहीं, रिखोली, संतला देवी, जैनतंवाला, घंगोड़ा के अलावा बीरपुर, गढ़ी डाकरा, कैंट, निम्बुवाला व आसपास की कॉलोनियों से लेकर राजेन्द्र नगर तक यह सीट फ़ैली है। वहीं, किशनपुर से लेकर नीचे दिलाराम, आर्यनगर, साकेत, जाखन, रिस्पना से लगी बस्तियां और ऊपर राजपुर तक यह सीट फैली है तो सहस्त्रधारा के तमाम ऊपरी गांव और मालदेवता के नजदीक के कई गांव से लेकर सुवाखोली के नीचे के गांव तक यह सीट फैली है।अब देखने लायक होगा कि इतनी विविधता लिए इस सीट पर कौन अपनी बादशाहत साबित करता है।