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Dehradoon. अंकिता मर्डर केस में सड़क से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हर जगह, जनता उद्वेलित है और जनता का यह गुस्सा भी बिल्कुल वाजिब है। देवभूमि की एक बिटिया जिसने अपने और अपने परिवार के सुनहरे भविष्य का सपना देखकर घर की चौखट से कदम बाहर रखा था उसे हैवानों ने उड़ान भरने से पहले ही मौत की नींद सुला दिया।

अंकिता मर्डर केस ने पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की जनता को झकझोर कर रख दिया है। देवभूमि के नाम से विख्यात उत्तराखंड की धरा पर हुए इस जघन्य हत्याकांड से हर मन विचलित है। सबकी बस यही मांग है कि हत्यारों को ऐसा सबक सिखाया जाए कि दोबारा कोई ऐसा करने के बारे में सोचे भी नहीं।

खैर, इस पूरे प्रकरण में बार-बार सवाल शासन-प्रशासन की भूमिका पर भी उठाए जा रहे हैं और ये लाजिमी भी हैं। शुरुआती दौर में अगर सिस्टम से जुड़े कुछ लोग लापरवाह न होते तो शायद आज अंकिता हमारे बीच होती।

अलबत्ता, इस पूरे मामले में राज्य सरकार कि ओर से उठाए जा रहे उन तमाम ठोस कदमों को जनमानस के गुस्से के समक्ष कमतर बताया जा रहा है जबकि मुकदमे में लगी धाराओं से लेकर अब तक हुई जांच जाहिर कर रही है कि सिस्टम दोषियों को कठोरतम सजा दिलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा और यही सारे एक्शन मुकदमे के ट्रायल के दौरान अहम साबित होंगे।

दरअसल, मुख्यमंत्री के संज्ञान में जबसे यह मामला आया है तो उसी दिन से उन्होंने पूरे मामले में बगैर देर किये ठोस एक्शन लेने शुरू किए। मामला सिविल पुलिस को ट्रांसफर होते ही 22 सितंबर को तीनों मुख्य आरोपी पकड़े गए।

इन्हीं से मिली लीड के आधार पर 24 सितंबर ही दिन अंकिता का शव बरामद कर लिया गया। अगले ही दिन आईपीएस पी रेणुका देवी की अगवाई में एक SIT भी बनाई गई।

25 सितंबर को अंकिता का अंतिम संस्कार होने के एक दिन बाद जब स्थानीय पटवारी की भूमिका पर सवाल उठे तो उसे सस्पेंड कर दिया गया और अब उसे हिरासत में भी लिया गया है। सरकार में दायित्वधारी रहे पुलकित के भाई अंकित आर्य को पहले ही पद से हटा दिया गया था और बाप-बेटों को पार्टी से बाहर कर दिया गया है।

वहीं, SIT इस मामले से जुड़ी हर चीज की बारीकी से जांच कर रही है। जांच में सामने आया है कि अंकिता की हत्या के बाद भी पुलकित का मोबाइल चलता रहा है। ये मोबाइल जांच टीम के हाथ लगता है तो कई अहम खुलासे हो सकते हैं। वारदात में प्रयुक्त वाहन बरामद हो चुके हैं।

इलेक्ट्रॉनिक और सीसीटीवी साक्ष्य लगातार जुटाए जा रहे हैं। तीनों आरोपियों की कस्टडी रिमांड मिल चुकी है और उनसे पूछताछ में कई अहम जानकारी मिल सकती है। रिसोर्ट में आये vip गेस्ट को लेकर भी अहम जानकारियां मिल सकती हैं। बस थोड़ा सब्र और भरोसा सिस्टम पर रखने की जरूरत है।

 

घटनाक्रम एक नजर में…

-18 सितंबर को अंकिता भंडारी लापता हुई, पिता ने खोज शुरू की, सोशल मीडिया में मामला उठने लगा

-20 सितंबर को राजस्व पुलिस ने मामला दर्ज किया

-22 सितंबर को सिविल पुलिस को जांच मिली,मुकदमा दर्ज हुआ जांच शुरू हुई, आरोपी पकड़े गए , आरोपियों ने घटना की जानकारी दी

-23 सितंबर को पुलिस ने अंकिता को चीला नहर में तलाशना शुरू किया, सीएम पुष्कर धामी ने ठोस कारवाई के निर्देश दिए

-24 सितंबर को सुबह चीला बैराज से अंकिता का शव मिला, एम्स में पोस्टमार्टम शुरू हुआ,5 घंटे से ज्यादा वक्त लगा। SIT टीम गठित। इसी दिन रात में रिसोर्ट तोड़ा गया।

-25 सितंबर को श्रीनगर के अलकनंदा घाट पर अंकिता का अंतिम संस्कार हुआ। पुलकित के भाई अंकित से सरकार ने दायित्व वापस लिया। पिता-पुत्र पार्टी से भी बाहर।

-27 सितंबर को पटवारी वैभव प्रताप को जिलाधिकारी ने सस्पेंड किया। SIT ने जुटाए अहम सबूत

-29 सितंबर को मुख्यमंत्री ने डोभ श्रीकोट में अंकिता के परिजनों से भेंट की अपनी संवेदनाएं जताई

-30 सितंबर SIT ने पटवारी को हिरासत में लिया

By amit