ख़बर शेयर करें -

विकास के केंद्र-बिंदु बनेंगे राज्य के पर्वतीय क्षेत्र

-पौड़ी की तर्ज पर राज्य के तमाम पर्वतीय जिलों को विकसित करने की है सीएम की मंशा

 

देहरादून। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को लेकर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी विशेष प्रयास करते दिख रहे हैं। पौड़ी मंडल मुख्यालय को लेकर जिस तरह से मुख्यमंत्री धामी ने विकास का खाका खींचा है, अब उसी तर्ज पर अन्य पर्वतीय क्षेत्रों को लेकर भी फोकस किया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री धामी द्वारा विधानसभा क्षेत्र थराली, कर्णप्रयाग, केदारनाथ, रूद्रप्रयाग, देवप्रयाग, यमकेश्वर, श्रीनगर, चौबट्टाखाल, नरेन्द्रनगर, पौड़ी, लैंसडाउन एवं रामनगर में भी विकास को तेजी देने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के सभी जिलों के समग्र विकास को लेकर प्रतिबद्ध हैं। विजन 2025 सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड के पीछे भी बड़ी अवधारणा यही है कि विकास का पहिया केवल देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंहनगर जैसे मैदानी इलाकों में ही घूमता न दिखे बल्कि सभी जिलों का समग्र विकास हो। दिसंबर माह में सम्पन्न हुए चिंतन शिविर में भी सीएम अफसरों को स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदेश के पर्वतीय अंचलों की विकास में भागीदारी को हर हाल में बढ़ाना होगा और यह तभी संभव हो पाएगा जबकि ज्यादा से ज्यादा विकास परक योजनाएं इन पर्वतीय इलाकों को ध्यान में रखकर तैयार की जाएंगी। बागवानी से लेकर पर्यटन, वन, कृषि आदि ऐसे तमाम सेक्टर हैं जिनके जरिये पहाड़ों की तस्वीर को बदला जा सकता है।
पौड़ी मंडल मुख्यालय की ऐतिहासिकता, पौराणिकता एवं पर्यटन की दृष्टि से विकास को लेकर सीएम लगातार काम कर रहे हैं। इस संदर्भ में वे दो बैठकें भी कर चुके हैं जिसके तहत पौड़ी के पुराने कलेक्ट्रेट भवन को हेरिटेज भवन में परिवर्तित करने समेत रांसी स्टेडियम को राष्ट्रीय हाई अल्टीट्यूट सेंटर के रूप में विकसित किया जाना शामिल है। इसके अलावा मंडल स्तरीय अफसरों की मौजूदगी पौड़ी में बनी रहे यह भी सुनिश्चित कराया जा रहा है।
अब इसी तर्ज पर मुख्यमंत्री धामी का फोकस विधान सभा क्षेत्र थराली, कर्णप्रयाग, केदारनाथ, रूद्रप्रयाग, देवप्रयाग, यमकेश्वर, श्रीनगर, चौबट्टाखाल, नरेन्द्रनगर, पौड़ी, लैंसडाउन एवं रामनगर पर है। इन क्षेत्रों को विकास की अग्रिम पंक्ति में लाया जा सकता है इस पर गम्भीर मंथन हो रहा है।

By amit