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Dehradoon.

आचार्य बालकृष्ण ने लिखा…

धर्म उसे कहते हैं जिसके धारण से मनुष्य का कल्याण होता है। धर्म के द्वारा हम रक्षित हैं इसलिए धर्म की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। मत, संप्रदाय के चश्मे से दुनिया को देखने वाले संकुचित विचार व स्वार्थ से जुड़कर धर्म के नाम पर पाखंड व समाज को भ्रमित करने वाले, कभी धर्म के मर्म को समझ नहीं सकते। धर्म के नाम पर धर्मांतरण का जो सांप्रदायिक खेल चल रहा था, उसके ऊपर कड़ा कानून बनाकर उत्तराखंड सरकार ने करारी चोट की है। वास्तव में माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी व उत्तराखंड सरकार बधाई के पात्र हैं। मतों को नहीं मनो को बदलकर सेवा करने वाले बने क्योंकि धर्म किसी को बदलता नहीं। धर्म तो सब को बनाने व बसाने की बात करता है। “यतो धर्मः, ततो जयः”

 

वहीं, साध्वी ऋतंभरा ने भी मुख्यमंत्री धामी के निर्णय की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।

By amit