यमकेश्वर । पौड़ी गढ़वाल में यमकेश्वर प्रखंड स्थित पंचुर गांव का शुक्रवार को नजारा बदला हुआ था। लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह का जश्न यहां अलग ही अंदाज में मनाया गया। पूरे दिन भजन कीर्तन, पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ स्वजन और ग्रामीण नृत्य करते रहे। एक दूसरे के गुलाल लगा कर सभी ने खुशी मनाई। योगी आदित्यनाथ की माता सावित्री देवी और स्वजन इस मौके पर बेहद खुश नजर आए।
अपने पुत्र की इस सफलता को अन्य लोग के साथ बांटते हुए मां सावित्री देवी ने कहा कि वह बहुत खुश हैं, मैं ही नहीं बल्कि पूरा गांव और पूरा उत्तराखंड खुश है। उनके भाई मानवेंद्र बिष्ट और महेंद्र बिष्ट ने भी योगी आदित्यनाथ के दोबारा मुख्यमंत्री होने पर इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के सुशासन की जीत बताया।
भगवान नीलकंठ महादेव और कुल देवी माता भुवनेश्वरी से भाई योगी की सफलता के लिए प्रार्थना करने वाली उनकी बहन शशि पयाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अंदर योगी आदित्यनाथ के रूप में सुशासन और सत्य की जीत हुई है। उन्होंने बताया कि चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपने भाई से बात की थी। योगी ने उनसे वादा किया कि शपथ ग्रहण करने के बाद समय मिलते ही वह एक बार सबसे मिलने गांव आएंगे।
बहन शशि पयाल पति के साथ सुबह ही पहुंची मायके
कोठार गांव यम्केश्वर से योगी की बड़ी बहन शशि पयाल अपने पति पूरण सिंह पयाल के साथ सुबह ही मायके आ गई थी। उनकी चचेरी बहन मुन्नी देवी भी यहां पहुंच गई थी। भांजा अनिल रावत और योगी की सबसे बड़ी बहन कोटद्वार निवासी कौशल्या देवी के पति ओम प्रकाश रावत भी दिवस विशेष के गवाह बने। प्रदेश के काबीना मंत्री डा.धन सिंह रावत की पत्नी डा.दीपा रावत, यमकेश्वर के ब्लाक प्रमुख आशा भट्ट भी खुशी मनाने यहां पहुंची। सभी ने योगी की माता सावित्री देवी को गुलाल लगाने के साथ उनका मुंह मीठा किया।
गांव में की गई थी विशेष तैयारी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ था। उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल में यमकेश्वर प्रखंड स्थित पंचुर गांव योगी आदित्यनाथ का पैतृक गांव है। इस दिवस विशेष को खास बनाने के लिए यहां विशेष तैयारी की गई थी। पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल दमाऊ लिए कलाकार यहां मौजूद थे। घर में भजन कीर्तन की व्यवस्था की गई थी।
लोक गीतों के बीच चलता रहा नृत्य का दौर
हालांकि शुक्रवार की सुबह से ही ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र से शुभचिंतक यहां पहुंचने शुरू हो गए थे। शपथ ग्रहण समारोह शाम को चार बजे था। योगी के इस घर में दिन में दो बजे से भजन कीर्तन की व्यवस्था की गई थी। गणपति वंदना और पारंपरिक लोक गीतों के बीच नृत्य का दौर चलता रहा।
कमरा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
जैसे ही शपथ ग्रहण समारोह का वक्त नजदीक आया तो सभी लोग टीवी के आसपास सिमट गए। जैसे ही योगी आदित्यनाथ का नाम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के लिए पुकारा गया घर का यह कमरा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद घर के आंगन में पहाड़ी गीतों में परिवार वालों सहित प्रशंसकों ने जमकर नृत्य किया।
प्रशंसकों ने लिया माता से आशीर्वाद
ऋषिकेश से मिठाई और गुलाल लेकर गए प्रशंसक योगी आदित्यनाथ के गांव में उनकी सफलता के जश्न को खास बनाने के लिए ऋषिकेश से भी उनके प्रशंसक उनके गांव पहुंचे। ऋषिकेश निवासी ललित शर्मा लक्की, राजू बड़थ्वाल, गौरव, लोकेश कुमार, विशाल बंसल अपने साथ 15 किलो रसगुल्ले और गुलाल लेकर पहुंचे। इन सभी ने उनकी माता सावित्री देवी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद ग्रहण किया। यह सभी इस खुशी में शामिल हुए। देर शाम तक योगी के गांव में शुभचिंतकों का आगमन जारी रहा।