देहरादून। वीआईपी कल्चर को कोसों पीछे छोड़ उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आम जनमानस में अपनी एक अलग छवि बना दी है। सुबह सवेरे सैर पर बिना किसी तामझाम के अकेले निकल जाना और लोगों से सहज तरीके से मिलना, सीएम धामी की ये एक नियमित दिनचर्या बन गई है। सीएम धामी की इस सादगी ने गोवा के दिवगंत सीएम मनोहर पर्रिकर की याद लोगों के जेहन में ताजा कर दी है। मनोहर पर्रिकर का स्कूटर पर निकल जाना, आम लोगों से उनके बीच जाकर मिलता देख उत्तराखंड के लोगों की भी यही एक इच्छा रही कि इस राज्य को कब एक ऐसा सहज सीएम मिलेगा। अब सीएम पुष्कर सिंह धामी के रूप में लोगों को एक ऐसा सीएम मिल गया है।
सीएम धामी जब नैनीताल में होते हैं, तो लोग उन्हें झील किनारे के ग्राउंड पर बच्चों के साथ खेलते हुए देखते हैं, तो कभी झील किनारे चाय बनाते हुए सीएम नजर आ जाते हैं। टिहरी में हों तो गांव की पंगडंडियों पर सीएम घूमते हुए तो कभी खेत में ट्रेक्टर चलाते हुए दिखते हैं। अल्मोड़ा में भी बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के बच्चों के बीच स्टेडियम में घूमते हुए नजर आते हैं। मंगलवार को भी सीएम धामी पौड़ी प्रवास के दौरान सुबह ही शहर की सड़कों पर अकेले घूमने निकल गए। सड़क चलते लोगों ने जब नजदीक आकर देखा तो उन्हें सीएम को सड़क पर घूमता देख लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ। किसी ने गाड़ी रोक सीएम का अभिवादन किया। तो कोई घर की छत से सीएम को देख सड़क पर दौड़ा चला आया। स्कूल जाते बच्चों के लिए तो जैसे मंगलवार को उनका सपना ही पूरा होा गया। स्कूल जा रहे बच्चों ने सीएम धामी का आर्शीवाद लिया। सीएम धामी सुबह से लेकर देर रात तक किसी न किसी रूप में जनता के बीच ही मौजूद रह कर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। सुबह की सैर जनता के बीच कर वो धरातल की असल स्थिति का आंकलन कर रहे हैं। उसके बाद दोपहर से लेकर देर रात तक बैठकों, क्षेत्र के दौरे कर विकास कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। सीएम धामी के रूप में अब उत्तराखंड को लोगों को यशवंत सिंह परमार जैसा सीएम मिल गया है। जिसकी आस सालों से अस्थिरता का दंश झेल रहे उत्तराखंड के लोगों को थी।