राजस्थान में डॉक्टर के साथ हुई घटना के विरोध में आज राज्य के सभी सरकारी चिकित्सक अपने कार्यक्षेत्र में पुलिस की कार्यशैली के विरोध में और राजस्थान IMA के समर्थन में काली पट्टी बाँध कर कार्य करेंगे।
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ मनोज वर्मा ने कहा कि राज्य में भी पुलिस का रवैय्या हमेशा से चिकित्सकों के विरुद्ध ही रहा है, कभी भी चिकित्सालय में कुछ ऐसा हो तो चिकित्सकों के विरुद्ध FIR लिखना हो, भयंकर से भयंकर धाराएं लगानी हो हर जाँच अधिकारी जैसे तैय्यार बैठा रहता है। यहाँ तक कि “उत्तराखंड चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी तथा सेवा संस्था (हिंसा और सम्पत्ति की क्षति का निवारण)दिनांक 28 मार्च 2013 का अधिनियम 01 अप्रैल 2013 को PMHSA और IMA उत्तराखंड के सभी चिकित्सकों के संयुक्त प्रयास से लागू हुआ था, जिसमें तत्कालीन अध्यक्ष डॉ शंकर जोशी बॉस और डॉ D P Joshi ने आन्दोलन का नेतृत्व किया था। पिछले 8 सालों में सरकारी और निजी चिकित्सकों के विरुद्ध हिंसा की सैकड़ों घटनाये हुई हैं परंतु आज तक इस कानून में एक भी अपराधी को ना तो निरुद्ध किया गया और ना ही किसी को सजा हुई जो पुलिस की कार्यशैली और नियत के ऊपर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह है।मैं IMA और PMHSA दोनों से मिलकर एक माँग प्रस्तावित करता हूँ कि यदि भविष्य में किसी भी चिकित्सालय में ऐसी कोई भी घटना हो तो अन्य धाराओं के साथ इस धारा को अवश्य लगाते हुए कार्रवाई सुनिश्चित की जाय।