वाह! अफसर हो तो तिवारी जी जैसा! छात्रों को समय से किताबें न मिली तो अधीनस्थ संग अपना वेतन भी दिया रुकवा
वाह! अफसर हो तो तिवारी जी जैसा! छात्रों को समय से किताबें न मिली तो अधीनस्थ संग अपना वेतन भी दिया रुकवा देहरादून। अपनी गलतियों को भी दूसरे सिर मढ़ने…