एक नंदन सिंह बिष्ट की कविता दूसरे नंदन सिंह बिष्ट के लिए…
एक नंदन सिंह बिष्ट की कविता दूसरे नंदन सिंह बिष्ट के लिए ***************** खुद को ही कंधा देकर आ रहा हूं मैं ही मेरे ऊपर चित हाय रे बेरंग सत्य…
एक नंदन सिंह बिष्ट की कविता दूसरे नंदन सिंह बिष्ट के लिए ***************** खुद को ही कंधा देकर आ रहा हूं मैं ही मेरे ऊपर चित हाय रे बेरंग सत्य…