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सूचना का अधिकार: नगर निगम व खाद्य विभाग के लोक सूचना अधिकारियों पर 25-25 हजार का जुर्माना

देहरादून। सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत समय से सूचना उपलब्ध न कराए जाने पर राज्य सूचना आयुक्त श्री योगेश भट्ट ने देहरादून के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी / नगर निगम देहरादून एवं खाद्य विभाग के एक लोक सूचना अधिकारी पर ₹25000 – ₹25000 की शास्ति आरोपित की गई है।

नगर निगम देहरादून द्वारा सार्वजनिक संपत्ति से जुड़े अभिलेखों में भिन्नता की शिकायत पर नगर आयुक्त को अभिलेखों की सत्यता के संबंध में विभागीय जांच के निर्देश दिए गए।

नगर निगम देहरादून के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी पर ₹25000 की शास्ति सुनवाई के दौरान यह पुष्टि होने पर आरोपित की गई की उनके द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम को गंभीरता से न लेते हुए अपीलार्थी को सूचना देने में अवरोध उत्पन्न एवं विलंब से सूचना उपलब्ध कराई गई।

प्रकरण देहरादून के रेसकोर्स में श्री गुरु नानक हायर सेकेंडरी स्कूल, श्री गुरु नानक दून वैली स्कूल कॉलेज को दी गई भूमि से संबंधित है।

अपीलार्थी श्री रणजीत सिंह 9897889928 द्वारा श्री गुरू नानक हायर सेकेन्डरी स्कूल श्री गुरू नानक दून वेल स्कूल, 146 / 1 सी गोविन्द नगर प्रथम रेसकोर्स देहरादून के कर निर्धारण हेतु बनाई गई / सम्बन्धित पत्रावली की सम्पूर्ण सत्यापित प्रति की सूचना चाही गई थी। उनके द्वारा एवं यह संपत्ति नगर निगम के अभिलेखों में किस रूप एवं किसके नाम पर दर्ज होने के संबंध में भी सूचना चाही गई थी।

लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना देने के स्थान पर निर्धारित 1 माह के बाद, यह कहा गया कि वांछित सूचना कर अधीक्षक ( भवन कर ) नगर निगम, देहरादून द्वारा प्रेषित की जानी है स्पष्ट है कि लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना देने में अवरोध उत्पन्न किया गया है। अपीलार्थी द्वारा दिनांक 07/02/2022 को प्रथम अपील

योजित की गई, जिसका निस्तारण प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी / सहायक नगर आयुक्त, नगर निगम, देहरादून द्वारा दिनांक 05/03/2022 को लोक सूचना अधिकारी / कर अधीक्षक (भूमि) नगर निगम, देहरादून को भविष्य के लिए सचेत करते हुए स्पष्ट एवं प्रमाणित सूचना 10 दिवस में निःशुल्क उपलब्ध कराए जाने के आदेश पारित किए गए। लेकिन इसके बाद भी लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई जिस पर अपीलार्थी द्वारा सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया गया। सूचना आयोग द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद लोक सूचना अधिकारी द्वारा दिनांक 30 जनवरी 2023 को जिस दिन आयोग में सुनवाई थी, उससे मात्र 1 दिन पूर्व सूचना दी गई। सुनवाई के दौरान यह भी तथ्य सामने आया कि जो सूचना दी गई वह भी अधूरी एवं भ्रामक है।

आयोग के निर्देश पर जो सूचना अपीलार्थी को दी गई उसके संबंध में अपीलार्थी द्वारा यह आशंका व्यक्त की गई कि अभिलेखों में भिन्नता है। अपीलार्थी के अनुसार भूमि की लीज किसी अन्य संस्था की है जबकि नगर निगम में भूमि में किसी अन्य संस्था का नाम दर्ज किया गया है तथा इसी कारण सूचना नहीं दी जा रही है। आयोग द्वारा सुनवाई के दौरान लोक सूचना अधिकारी के इस गैर जिम्मेदाराना रवैए पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की गई। आशंका व्यक्त की गई कि अभिलेखों में भिन्नता साजिशन है। ऐसा यह सूचना अधिकार अधिनियम की धारा ( 20 ) से आच्छादित होने वाला गंभीर विषय है। अपीलार्थी द्वारा जिन मुददो पर निगम का ध्यान आकर्षित किया गया हैं, आयोग द्वारा अपीलकर्ता को तथ्य एवं आपत्ति पत्र नगर आयुक्त को सौंपने के लिए कहा एवं नगर निगम के वर्तमान लोक सूचना अधिकारी श्री रोहिताश शर्मा, उप नगर आयुक्त एवं नगर आयुक्त को इस आपत्ति पत्र पर जांच कर एक माह में स्थिति स्पष्ट कर अपीलार्थी व आयोग को अवगत कराएंगे।

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इस मामले में भी जुर्माना

इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में खाद्य विभाग के लोक सूचना अधिकारी / पूर्ति निरीक्षक, चकराता देहरादून पर समय से सूचना उपलब्ध न कराए जाने पर आयोग द्वारा ₹25000 की शास्ती सुनवाई के दौरान यह पुष्टि होने पर आरोपित की गई। अपीलार्थी द्वारा दिनॉक 26/08/2022 को 5 बिंदुओं पर लोक सूचना

अधिकारी / पूर्ति निरीक्षक, चकराता देहरादून से सूचना चाही गयी। लोक सूचना अधिकारी द्वारा विभागीय अपीलीय अधिकारी के आदेश दिनॉक 02/11/2022 के में दिए गए निर्देश पर भी कोई सूचना उपलब्ध न कराये जाने पर अपीलार्थी द्वारा आयोग के समक्ष द्वितीय अपील प्रस्तुत की गई आयोग के नोटिस के बाद लोक सूचना अधिकारी द्वारा दिनांक 04/03/2023 लगभग 8 माह बाद सूचना उपलब्ध कराई गयी ।

By amit