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‘प्रभाकर’ की जिद और ललक ने रोलर स्केटिंग में दिलाया ‘गोल्ड’

-अब बेंगलुरू में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में करेंगे प्रतिभाग

-मुख्य सेवक पुष्कर सिंह धामी के छोटे बेटे ने बगैर किसी कोच की मदद के खुद ही सीखे रोलर स्केटिंग के तमाम गुर

-21 वीं उत्तराखंड राज्य रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक

देहरादून। जिंदगी की परीक्षा हो या खेल की। लक्ष्य के प्रति जुनून ही चैंपियन की पहचान है। कुछ ऐसा ही छोटी सी उम्र में प्रभाकर धामी ने कर दिखाया है। दरअसल, मुख्य सेवक पुष्कर सिंह धामी के कनिष्ठ पुत्र प्रभाकर को बचपन से ही रोलर स्केटिंग का खेल बेहद आकर्षित करता है। वो जैसे ही स्कूल से घर लौटता तो स्केट्स पहनकर इनके साथ खेलने लग जाता। सबसे अहम यह कि बेहद टेक्निकल गेम होने के बावजूद प्रभाकर ने कभी किसी कोच की मदद नहीं ली बल्कि खुद ही जानकारी प्राप्त कर इस खेल के गुर सीखते चले गए। अब यह उसकी अथक मेहनत का ही नतीजा है कि पिछले दिनों जब टोंसब्रिज पब्लिक स्कूल में 21 वीं उत्तराखंड राज्य रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप हुई तो प्रभाकर ने अपने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल लपक डाला। प्रभाकर अब बेंगलुरू में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे। आपको बता दें कि टोन्सब्रिज स्कूल में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में रोलर स्केटर फेडरेशन ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ी चयनित किये हैं।
प्रभाकर की मां गीता धामी के अनुसार प्रभाकर को बचपन से ही स्केटिंग का बेहद शौक है और अक्सर स्कूल से आकर स्केटिंग खेलने की जिद प्रभाकर करता था। जब उन्हें भी लगा कि प्रभाकर रोलर स्केटिंग के प्रति बेहद जुनूनी है तो उन्होंने भी उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, प्रभाकर ने इसे सीखने के लिए किसी कोच की मदद नहीं ली बल्कि खुद से मेहनत कर स्केटिंग के तमाम गुर सीखे।

By amit