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देहरादून। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घपले के आरोपी हाकम सिंह पर ही अकेले तत्कालीन सरकार की कृपा नहीं बरसी, बल्कि पूरे देश को हिला देने वाले अंकिता हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य और उसके परिवार पर भी जमकर नेमतें लुटाई गई।

इसी कृपा के दम पर फर्जी तरीके से पुलकित न सिर्फ डॉक्टर बन गया, बल्कि तमाम आरोपों से भी एक के बाद एक मुक्त होता चला गया। पिता विनोद आर्य को भी दर्जाधारी बनने का सौभाग्य प्राप्त हो जाता है।
पुलकित आर्य को उत्तराखंड आयुर्वेद विवि ने फर्जी दस्तावेज, प्रवेश परीक्षा में नकल, मुकदमे, दो साल तक निष्कासन के बावजूद बीएएमएस की डिग्री दे दी। उसकी इस डिग्री पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस दो साल तक निलंबित भी रहा। 29 मार्च 2017 को अचानक उसे बहाल कर दिया गया। ये बहाली 17 मार्च 2017 को राज्य में भाजपा सरकार बनने के ठीक 12 दिन बाद हुई। ये भी चौंकाने वाला रहा।

इसके बाद तेजी के साथ 2018-19 में बीएएमएस का कोर्स भी पूरा कर लिया। 2017 के बाद तेजी से आर्य परिवार पर सरकारी मेहरबानी बरसती चली गई। दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा मिलने के बावजूद उसका दाखिला रद्द नहीं किया गया। निष्कासन के बाद भी क्लास लेने की मंजूरी दे दी गई।

 

52 निष्कासित छात्रों में से सिर्फ दो को ही क्लास में बैठने की मंजूरी दी गई, इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कोर्स पूरा होने के बावजूद विवि ने कोई कार्रवाई नहीं की। न सिर्फ पुलकित, बल्कि उसके पिता विनोद आर्य को भी भाजपा ससरकार में दर्जाधारी बना कर पुरस्कृत कर दिया जाता है। इसके बाद ये परिवार तेजी से राजनीतिक रसूख के जरिए अपना दायरा बढ़ाता रहा। इस तरह हाकम सिंह के बाद विनोद आर्य परिवार पर भी जमकर सरकार की मेहरबानी रही।

By amit