Dehradun. राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के चेयरमैन पद से रिटायर्ड आईएएस डीके कोटिया की भी अब विदाई हो गई है। वहीं, अब कोटिया के इस्तीफे के बाद एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों की माने तो सीएम धामी राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में पिछले चार-साढ़े चार सालों में हुए तमाम घालमेल को लेकर गंभीर हैं। यही वजह है कि अब इन तमाम मामलों की फ़ाइल खुल सकती है। सूत्रों का कहना है कि सीएम स्वस्थ्य प्राधिकरण को लेकर जांच बैठा सकते हैं। बैकडोर भर्तियां भी जॉच के घेरे में हैं।
विदित हो कि कोटिया की स्वास्थ्य प्राधिकरण में 3 साल के लिए तैनाती हुई थी लेकिन 3 साल बाद भी कोटिया बने रहे। इसे लेकर भी तमाम सवाल उठते रहे। इसके पीछे भी एक पूरा गठजोड़ काम कर रहा था। एक सेवानिवृत्त अफसर पर बीते दो साल के करीब से लाखों का खर्च हर माह सरकार मानदेय, गाड़ी आदि में उठा रही थी।
वहीं, जो प्राधिकरण आयुष्मान जैसी अहम योजना चला रहा है उसमें तमाम अस्पतालों के एम्पेनलमेंट को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। देहरादून और खासतौर से उधमसिंह नगर के ऐसे तमाम अस्पताल हैं जो कि प्राधिकरण में दो लोगों के ही रहमो करम पर थे। किसे रखना है, किसे बाहर करना है ये केवल दो टॉप लोग ही तय करते थे। इस योजना में चूंकि अच्छा खासा भुगतान होता है तो इसके चलते भी यहां तमाम गड़बड़ियां हुई। यहां तक कि तमाम बैकडोर से भर्तियां भी दो लोगों के राज में खूब हुई। अब दोनों की रुखसती के बाद इन पर जांच का शिकंजा कसने जा रहा है।
सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर है कि सीएम धामी प्राधिकरण की कार्यप्रणाली से खासे नाराज हैं और इस प्राधिकरण में हुए तमाम खेल की जांच बैठाई जा सकती है।
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