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Dehradoon. पत्नी की हत्या कर फरार चल रहे आरोपी पति को थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस ने किया गिरफ्तार. उसने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं।

29/12/2022 को थाना नेहरु कालोनी को 112 कन्ट्रोल रुम के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि एक महिला द्वारा फ्रेन्डस इनक्लेव डिफेन्स कालोनी में आत्महत्या करने का प्रयास किया गया है।

पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया गया तो देखा कि एक महिला बिस्तर पर मृत पडी थी, जिसका गला रेता गया था व पास में ही एक चाकू व प्रेस की केबल पड़ी थी तथा मृतक महिला के पास ही एक बर्ष का बालक व एक सात बर्षीय बालिका डरे सहमें एक कोने में खडे थे। निरीक्षण घटनास्थल से प्रथम दृष्टया उक्त महिला की गला रेत कर हत्या किया जाना प्रतीत हो रहा था।

घटना के संबंध में आसपास पूछताछ करने पर पता चला कि उक्त महिला का नाम स्वेता श्रीवास्तव है जो अपने पति सौरभ श्रीवास्तव व दो बच्चों के साथ पिछले कुछ समय से उक्त मकान पर किराये में निवास कर रहे थे। घटना के पश्चात से ही उक्त मृतिका का पति सौरभ श्रीवास्तव अपनी स्कूटी के साथ फरार था, घटना के सम्बन्ध में मृतका के परिजनों को सूचित कर मृतका का पंचायतनामा/पोस्टमार्टम की कार्यवाही की गयी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उक्त महिला का गला रेत कर हत्या किया जाना प्रकाश में आया।

घटना के सम्बन्ध में मृतका के पिता अजय कुमार श्रीवास्तव निवासी कुशीनगर उ0प्र0 ने अपने दामाद सौरभ श्रीवास्तव द्वारा उनकी पुत्री की हत्या करने के संबंध में दी गयी तहरीर के आधार पर थाना नेहरु कालोनी पर मु0अ0सं0 45/22 धारा 302/307 भादवि0 बनाम सौरभ श्रीवास्तव पंजीकृत किया गया।

आज अभियुक्त सौरभ श्रीवास्तव पुत्र शम्भूलाल श्रीवास्तव निवासी मूलन छपरा थाना पिटेरवा, जनपद कुशीनगर, उ0प्र0, उम्र 36 वर्ष को नेहरुकोलोनी क्षेत्र में फ्रेंड्स कॉलोनी के गेट के पास से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त को मा0 न्यायालय प्रस्तुत किया जा रहा है।

*नाम पता अभियुक्त-*

सौरभ श्रीवास्तव पुत्र शम्भूलाल श्रीवास्तव निवासी मूलन छपरा, थाना पिटेरवा, जनपद कुशीनगर, उ0प्र0, उम्र 36 वर्ष।

*पूछताछ का विवरण*–

पूछताछ में अभियुक्त सौरभ श्रीवास्तव पुत्र शम्भूलाल श्रीवास्तव ने बताया कि मै मूलरुप से जिला कुशीनगर उ0प्र0 का रहने वाला हूँ और बी0ए0 तक शिक्षा ग्रहण की है। मै करीब 12-13 साल से देहरादून मे ही रहकर नौकरी कर रहा हूँ । मेरी शादी श्वेता श्रीवास्तव से जून- 2014 मे हुई थी, शादी के 6 माह बाद से ही मेरी पत्नी मेरे साथ देहरादून मे रहने आ गयी थी, इसी बीच मेरे दो बच्चे, बडी बेटी लव्या उम्र 6 वर्ष व 11 माह का बेटा नारायण पैदा हुऐ। मै CSD कैंटीन मे मार्केटिंग का काम करता था, जिससे मेरी अच्छी खासी इनकम हो जाती थी। पूर्व में मैं देहरादून मे कई जगह किराये पर रहा था और वर्तमान में फ्रैन्डस कॉलोनी मे रह रहा था। मेरी पत्नी श्वेता को ऐश्वर्य भरा जीवन जीने की आदद हो गयी थी, मेरी पत्नी मेरी आमदनी से ज्यादा की मांग करती रहती थी और मै अपनी पत्नी की ऐसी मांग करने से कर्जे मे डूब गया था। तीन माह पूर्व मेरी नौकरी भी छूट गयी थी और मैं वर्तमान में काफी आर्थिक तंगी मे चल रहा था जिस कारण मै तीन माह से अपने कमरे का किराया भी नही दे पाया था। मेरी छोटी बहन की शादी 10 फरवरी 22 को होनी तय हुई थी, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी मेरे ही ऊपर थी। मैंने अपनी बहन की शादी के लिये किसी व्यक्ति से 05 लाख रुपये ब्याज पर लेने की बात कर रखी थी, परन्तु वह मुझसे टाल मटोल कर रहा था क्योंकि मेरी नौकरी छूट गयी थी। दूसरी ओर मेरी पत्नी श्वेता को जब मैंने बहन की शादी मे चलने के लिये कहा तो श्वेता कहने लगी शादी मे तभी जाऊंगी जब तुम मुझे रानीहार लाकर दोगे। काफी समझाने पर भी वह नही मानी और उसने रानीहार की जिद पकड ली। गुस्से मे वह घर के कपडे इधर उधर फेकने लगी, मैने रोकने की कोशिश की तो उसने मुझ पर हाथ उठा दिया, उस समय मेरा बेटा दूसरे कमरे मे सो रहा था और बेटी बच्चो के साथ बाहर रोड पर खेल रही थी। श्वेता के हाथ उठाने से मुझे भी गुस्सा आ गया और मैने उसे बैडरुम वाले कमरे मे पटक दिया, फिर दोनों हाथो से उसका गला दबाया तो उसके मुंह से झाग निकलने लगा, उसके होठ नीले पड गये और वह तडपने लगी, मुझे लगा कि वह अभी जिन्दा है तो फिर मैने आलमारी से बच्चे की बैल्ट निकाली और उससे श्वेता का गला दबाया परन्तु बेल्ट टूट गयी, फिर मैने कपडे की प्रेस की तार से उसका गला दबाया तब भी वह तडप रही थी तो मुझे लगा कि श्वेता जिन्दा है तो मै किचन से सब्जी काटने का चाकू लाया और श्वेता का गला रेत दिया तभी मेरी बेटी लब्बी आ गयी और देखकर रोने लगी। मैने उसे समझाया और लालच दिया कि तेरे लिये स्कूटर लाऊगा लेकिन वह नही मानी और बाहर की तरफ भागकर चिल्लाने लगी तो मैने उसका मुह दबा दिया पर वह नही मानी, फिर मैने उसका गला दबाया तो वह बेहोश हो गई, उसके बाद मैने अपने बेटे नारायण को उसकी मां के बगल मे लिटा दिया। जब मुझे यकीन हो गया कि श्वेता मर चुकी है तो मै अपनी स्कूटी लेकर वहां से भाग गया। श्वेता का गला दबाते समय उसने मेरे चेहरे पर अपने नाखून से खरोच मार दी थी। श्वेता मुझे अपने नाते रिस्तेदारो से भी बात नही करने देती थी, जिससे मेरा गुस्सा उसके प्रति बढता ही गया था। घटना के दिन मैंने दोपहर से ही मैंने काफी शराब पी रखी थी। आज मैं अपने कमरे फ्रैन्डस कालोनी गया और वहां चुपके से अपनी स्कूटी खडी करके वापस विधान सभा की तरफ पैदल-2 आ रहा था कि तभी पुलिस ने मुझे पकड लिया। मेरे घर पर माता पिता तथा एक भाई व एक बहन रहती है। एक बहन की शादी हो चुकी है और घर परिवार की जिम्मेदारी भी मेरी ही थी परन्तु श्वेता इस बात को नही समझती थी तब मुझे यह कदम उठाना पडा।

By amit