तो सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है एमडीडीए! तभी अपना विभाग छोड़ प्राधिकरण में आए जा रहे इंजीनियर
देहरादून। mdda देहरादून में बीते कुछ सालों में नया चलन शुरू हुआ है। दरअसल, mdda में दूसरे विभागों के अभियंता अपने विभाग छोड़ धड़ाधड़ प्राधिकरण में आ रहे हैं और गजब तो ये की ये वापस भी नहीं जाना चाहते। जब से ये अभियंता प्राधिकरण के सर्वे सवा हुए हैं तबसे शहर में अवैध निर्माण अपने आप बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में एक ही सवाल घूम रहा है कि क्या mdda सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है।
लोनिवि एवं सिंचाई विभाग के इंजीनियरों की मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) को लेकर बढ़ रही दिलचस्पी सवालों के घेरे में है।
आपको बता दें कि अभी एमडीडीए में लोनिवि, सिंचाई विभाग, जल संस्थान और यूजेवीएनएल के कुछ इंजीनियर प्रतिनियुक्ति पर हैं। लोनिवि के चार इंजीनियर जल्द ही एमडीडीए को ज्वाइन करने जा रहे हैं। सिंचाई विभाग के दो और जल संस्थान के एक इंजीनियर एमडीडीए में मर्ज भी हो गए हैं। बाकी दबाव बनाए हुए हैं।
इन सरकारी इंजीनियरों को एमडीडीए का रसूख इस कदर पसंद आ रहा है कि इसके लिए वो अपनी सरकारी नौकरी तक छोड़ने को तैयार हैं। बिल्डर और प्रॉपर्टी कारोबारियों में एमडीडीए के इंजीनियरों का खौफ इस नौकरी की दिलचस्पी की वजह बताई जा रही है।
सचिव हरीश चंद्र सेमवाल का कहना है कि भविष्य में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले इंजीनियरों को एनओसी देने से पहले परीक्षण किया जाएगा। किसी भी सूरत में विभाग के मूल कार्यों को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।