शहर में सरेराह यूपी के शराब कारोबारी की दबंगई के आगे पुलिस के रवैये को लेकर व्यापारियों का आक्रोश फूट पड़ा। व्यापारियों ने पुलिस पर दबंगों का बचाने का आरोप लगाया। व्यापारियों ने प्रतिबंध के बावजूद कथित वीआईपी के वाहनों का काफिला मॉल रोड पर जाने देने और मारपीट के बाद भी कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए रात तक जमकर हंगामा किया। कार्रवाई की मांग कर रहे व्यापारी करीब साढ़े छह घंटे तक चले हंगामे के बाद देर रात करीब साढ़े बारह बजे शांत हुए।
माल रोड पर कुलड़ी की चढ़ाई में व्यापारी से मारपीट की सूचना पर बड़ी संख्या में व्यापारी मौके पर एकत्र हो गए थे। इस बीच आरोप वहां से भाग निकले। व्यापारियों ने आरोपियों के वाहनों को घेर लिया। सूचना पर कोतवाल दिगपाल सिंह कोहली पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और व्यापारियों को समझाने का प्रयास किया। व्यापारियों का आरोप है कि पुलिस कार्रवाई का आश्वासन देते हुए मौके से व्यापारियों को कुलड़ी चौकी ले गई। आरोपियों के वाहन दूसरी तरफ झूलाघर स्थित कोतवाली ले गए। इस पर व्यापारी भड़क गए और कुलड़ी चौकी लाने की मांग करने लगे। व्यापारी चौकी के अंदर और बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गए। सीओ नीरज सेमवाल ने मौके पर पहुंचकर व्यापारियों से बातचीत की। इसके बाद आरोपियों के वाहनों को कुलड़ी चौकी लाया गया। पुलिस पांच आरोपियों को भी लेकर आई। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी शराब कारोबारी के कहने पर उसके गार्डों ने मारपीट की। ऐसे में मुख्य आरोपी को पुलिस चौकी लाया जाए। यह भी आरोप लगाया कि जिन्होंने मारपीट की, वह इन पांचों में नहीं थे और उन्हें बचाया जा रहा है। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, एमपी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मेघ सिंह कंडारी, भरत कुमाई, जगजीत कुकरेजा, अमित सिंघल, पूरन जुयाल, नागेंद्र उनियाल आदि मौजूद थे।
हथियार थे
व्यापारियों का आरोप है कि मारपीट करने वाले आरोपियों के गार्डों के पास हथियार भी थे। मार्केट में हूटर बजाते हुए वाहन हुड़दंग मचाते हुए गुजर रहे थे। आरोप लगाया कि आरोपी शराब कारोबारी अक्सर मसूरी में आता रहता है और इस तरह से दहशत फैलाता है। इससे व्यापारियों में डर का माहौल है। व्यापारियों ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग उठाई। हथियार जब्त कर उनका लाइसेंस निरस्त करने और वाहन सीज करने की मांग की गई।