हरीश का पीएम की सुरक्षा चूक मामले में बड़ा बयान, बोले ये कहीं न कहीं एक सामूहिक सुरक्षा चूक है
देहरादून। माननीय प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा सेंट्रल एजेंसी जिनमें आई.बी., एस.पी.जी. सब सम्मिलित हैं और राज्य पुलिस, इनका सम्मिलित दायित्व है। प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम में जब बदलाव हुआ, उन्होंने सड़क मार्ग से जाने का निश्चय किया तो सारे मार्ग को प्रॉपरली तरीके से सैनिटाइज किया जाना चाहिए था और किसानों के आंदोलन की स्थिति, और उनके द्वारा दी गई चेतावनी के संदर्भ में इसको रिकंफर्म कर लिया जाना चाहिए था कि ऐसी संभावना तो पैदा नहीं होगी! कि कोई मार्ग में आकर के अवरोध पैदा करे, ऐसा नहीं हुआ। ये कहीं न कहीं पर एक सामूहिक सुरक्षा चूक है, जिस चूक में माननीय प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सेंट्रल एजेंसीज भी हैं, यहां तक की उस क्षेत्र के अंदर जो प्रभावी है बी.एस.एफ. जिसको वहां की सुरक्षा का ओवरऑल मामला केंद्र सरकार ने सौंपा है 50 किलोमीटर दायरे की सीमा के अंदर उनको भी इस बात को देखना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
मैंने कहा कि यदि आधा घंटा और समय ले लेते, #प्रधानमंत्री जी का कारवां आधा घंटा देर से प्रारंभ होता तो ऐसी स्थिति नहीं आती और यदि आधा घंटा विलंब हो जाता तो कोई बादल नहीं फट पड़ता, कोई बम नहीं फट पड़ता। मैं समझता हूँ इस सामान्य से बयान को जो लोग राजनीतिक करण करने की कोशिश कर रहे हैं वो कृपा करके मेरे पूरे बयान को देखें, यदि मेरे पूरे बयान मे ऐसा कोई इंटेंशन लगता है कि माननीय प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा को अंडरमाइंड करने की कोशिश कर रहा हूंँ, तो मैं सारे देश से क्षमा मांगने के लिए तैयार हूंँ।