गणेश के सिर कांटों भरा ताज, पिछली रिकॉर्ड विफलताओं से पार पाने की रहेगी चुनौती, 2022 में कांग्रेस का गोदियाल के कार्यकाल में ही हुआ था सूपड़ा साफ, अपने ही गृह क्षेत्र में निकाय, पंचायत चुनाव में भी मिली थी हार, सीएम धामी के करिश्माई नेतृत्व से पार पाना नहीं होगा आसान
देहरादून। गणेश गोदियाल के लिए कांग्रेस अध्यक्ष का ताज कांटों भरा साबित होगा। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी पिछली रिकॉर्ड विफलताओं से पार पाने की रहेगी। क्योंकि 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का गोदियाल के कार्यकाल में ही सूपड़ा साफ हुआ था। गढ़वाल मंडल में कांग्रेस के सिर्फ तीन ही विधायक चुनाव जीत पाए थे।
वे खुद अपनी सीट तक नहीं बचा पाए थे। इसके बाद हुए 2024 लोकसभा चुनाव तक में गोदियाल श्रीनगर विधानसभा में खासे पीछे रहे।
इसके बाद गोदियाल ने अपना पूरा फोकस गढ़वाल मंडल पर रखा। इसके बावजूद वे निकाय, पंचायत चुनाव तक में कांग्रेस को नहीं जीता पाए। गृह जनपद पौड़ी में तो कांग्रेस ब्लॉक प्रमुख का एक पद तक नहीं जीत पाई। इसके अलावा हरीश रावत, यशपाल आर्य, प्रीतम सिंह, हरक सिंह रावत जैसे दिग्गजों से पार पाने में भी उनके पसीने छूटने तय हैं।
दूसरी ओर सीएम पुष्कर सिंह धामी के करिश्माई नेतृत्व से भी निपटना गोदियाल के लिए आसान न होगा। सीएम धामी 2022 के विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव, निकाय समेत पंचायत चुनाव में पटकनी दे चुके हैं। इसके अलावा सीएम धामी की निरंतर सक्रियता, आम लोगों के साथ जुड़ाव, संगठन कार्यकर्ताओं को एक्टिव मोड पर लाकर ऊर्जा का संचार कर दिया है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू आज भी उत्तराखंड की अवाम पर सिर चढ़कर बोल रहा है। मोदी धामी की करिश्माई जोड़ी से निपटना कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए इतना आसान न होगा।



