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देहरादून। बाजार में बिक रही दवाओं के मूल्य की निगरानी के लिए जल्द ही औषधि मूल्य निगरानी प्राधिकरण बनने जा रही है। इसके लिए राज्य के औषधि एवं खाद्य प्रसाधन विभाग ने कवायद तेज कर दी है।

राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण दवाओं के दाम तय करने से लेकर इनकी निगरानी का भी काम करता है। अब राज्य स्तर पर भी केंद्रीय औषधि विभाग इस तरह की व्यवस्था चाहता है। इसके लिए राज्य के औषधि विभाग से अपेक्षा की गई है कि वह जल्द ही राज्य स्तर पर प्राधिकरण का गठन करे। इसी को लेकर अब राज्य स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गयी है। एफडीए भवन में ही इस प्राधिकरण को खोला जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि शासन भी चाहता है कि जल्द यह प्राधिकरण अस्तित्व में आए।

अफसरों की कमी से जूझ रहा विभाग

राज्य के औषधि विभाग में अफसरों की बेहद कमी है। एक एक अधिकारी पर चार चार जिलों का कार्यभार होने के कारण तमाम कार्य प्रभावित हो रहे हैं। खासतौर से उधमसिंहनगर, हरिद्वार रुड़की और देहरादून जिलों में इस कारण एनफोर्समेंट का काम प्रभावित हो रहा है। यही वजह है कि रूड़की जहां सर्वाधिक नकली दवा का गोरखधंधा चल रहा है वहां एनफोर्समेंट में दिक्कतें आती हैं जबकि पुलिस या एसटीएफ के पास तमाम संसाधन होने के चलते वे कार्रवाई कर वाहवाही लूटते हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अकेले रुड़की में कम से कम 6 अफसरों की आवश्यकता है। विभाग ने आयोग को भी भर्ती के लिए अध्याचन भेजा हुआ है लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।

By amit