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बेटे के तबादले के लिए लिए दर-दर ठोकर खा रहे बुजुर्ग दंपति! शिक्षा महानिदेशालय से भी हाथ लगी निराशा

देहरादून। शिक्षा विभाग में कार्यरत बेटे का ट्रांसफर अतिदुर्गम से सुगम में कराने के लिए 91 वर्षीय पिता दून में विधानसभा के बाहर अनशन पर बैठ गए थे। आज शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद बुजुर्ग दंपति ननुरखेड़ा स्थित शिक्षा महानिदेशालय पहुँचे लेकिन यहां भी इन्हें निराशा हाथ लगी। अफसरों के न मिलने के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। बुजुर्ग दंपति का कहना था कि अब 13,14 और 15 को अवकाश है। ऐसे में अब उनके पास वापस लौटने के सिवाय कोई रास्ता नहीं है। हालांकि उनका कहना था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती तो वे किसी भी हद तक जाएंगे।

श्रीनगर के अपर भक्तियाना निवासी 91 वर्षीय राज्य आंदोलनकारी गिरधारी लाल नैथानी ने पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर गुहार लगाई। पत्र में नैथानी ने अपनी बीमारी व उम्र का हवाला देते हुए बेटे का ट्रांसफर सुगम में करने की मांग उठाई। उन्होंने बताया कि उनका इकलौता बेटा देवेंद्र कुमार बीते 12 साल से राजकीय इंटर कॉलेज,सननौल, उत्तरकाशी में कार्यरत है, जो अति दुर्गम क्षेत्र है।

नैथानी ने बताया कि बेटे के सुगम में तबादले को वे शिक्षा निदेशक कार्यालय से लेकर शिक्षा मंत्री तक से गुहार लगा चुके हैं। सुनवाई न होने पर वे अनशन को मजबूर हुए। उनके साथ उनकी पत्नी सुधा व लीलानंद पेटवाल भी बैठे। बीते रोज शिक्षा मंत्री से फोन पर बात कराई, जिसमें नैथानी को सकारात्मक आश्वासन मिला। उन्हें शुक्रवार को ननूरखेड़ा स्थित निदेशालय बुलाया गया था लेकिन दो घंटे इंतजार के बावजूद अधिकारी उनसे नहीं मिले और चुपचाप चले गए।

By amit