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Dehradoon. प्रांतीय कार्यकारिणी की एक बैठक महानिदेशालय में हुई जिसमें संगठन द्वारा कई बार मांग पत्र दिए जाने एवम वर्ताओ के उपरांत भी किसी भी विषय में चिकित्सकों के हित में कोई निर्णय नहीं लेने पर नाराजगी जतायी गयी।हमारी मांगे जो कि निम्नवत हैं……

इन सभी मांगों के लिए चिकित्सक कल से दिनाक 29 अगस्त 2022 तक काली पट्टी बांध कर कार्य करेंगे तथा चिकित्सालयो/कार्यालयों में जनपद शाखा के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे दिनांक 29 अगस्त 2022 को बैठक आयोजित की जाएगी जिसमे आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।

बैठक में संयोजक डॉ नरेश सिंह नपलच्याल,अध्यक्ष डॉ मनोज वर्मा ,महासचिव डॉ रमेश कुंवर, डॉ पंकज शर्मा, डॉ जीवन मपवाल,डॉ आशुतोष भारद्वाज, मौजूद रहे।
धन्यवाद

 

: 1. विगत 3 सत्रों से स्थानांतरण कथित रूप से बन्द हैं, 2 वर्षों से COVID के कारण शून्य सत्र है परन्तु बार बार मनमानी से स्थानांतरण किए जा रहे हैं। जबकि जो भी बेहद लंबे समय से दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में हैं वो बस वहीँ हैं।
2.संविदा चिकित्सकों से सुगम क्षेत्र भरे पड़े हैं जबकि शासनादेश में स्पष्ट वर्णित है कि उनको केवल दुर्गम क्षेत्रों में ही तैनाती दी जायेगी। वर्तमान में नैनीताल/हल्द्वानी में 21, उधम सिंह नगर में 26,देहरादून में 21 और हरिद्वार में 23 चिकित्सक संविदा पर कार्यरत हैं जबकि कई स्थायी चिकित्सक वर्षों से सुगम में स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं।
3.लगभग 6 माह से 1 वर्ष से निदेशक के 3 पद, अपर निदेशक के 13 पद तथा संयुक्त निदेशक के 34 पद रिक्त हैं परन्तु DPC का कोई अता पता ही नहीं है, बेवजह उसे लटकाया हुआ है।
4.2017 में शासनादेश किया गया जिससे PG कर रहे चिकित्सकों को दिया जाने वाला वेतन आधा कर दिया गया जबकि उससे पहले सभी सरकारी चिकित्सकों को PG अध्ययन की अवधि में पूर्ण वेतन दिया जाता था।
5.चारधाम यात्रा में या तो खाने रहने की व्यवस्था चिकित्सक को स्वयं करनी होती है जो कि समान्य दिनों से अत्याधिक महंगी होती है और यदि व्यवस्था होती भी
6. है तो वो इतनी गंदी होती है इंसान का रहना तो दूर खड़ा रहना भी असम्भव होता है।1. विगत 3 सत्रों से स्थानांतरण कथित रूप से बन्द हैं, 2 वर्षों से COVID के कारण शून्य सत्र है परन्तु बार बार मनमानी से स्थानांतरण किए जा रहे हैं। जबकि जो भी बेहद लंबे समय से दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में हैं वो बस वहीँ हैं।
2.संविदा चिकित्सकों से सुगम क्षेत्र भरे पड़े हैं जबकि शासनादेश में स्पष्ट वर्णित है कि उनको केवल दुर्गम क्षेत्रों में ही तैनाती दी जायेगी। वर्तमान में नैनीताल/हल्द्वानी में 21, उधम सिंह नगर में 26,देहरादून में 21 और हरिद्वार में 23 चिकित्सक संविदा पर कार्यरत हैं जबकि कई स्थायी चिकित्सक वर्षों से सुगम में स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं।
3.लगभग 6 माह से 1 वर्ष से निदेशक के 3 पद, अपर निदेशक के 13 पद तथा संयुक्त निदेशक के 34 पद रिक्त हैं परन्तु DPC का कोई अता पता ही नहीं है, बेवजह उसे लटकाया हुआ है।
4.2017 में शासनादेश किया गया जिससे PG कर रहे चिकित्सकों को दिया जाने वाला वेतन आधा कर दिया गया जबकि उससे पहले सभी सरकारी चिकित्सकों को PG अध्ययन की अवधि में पूर्ण वेतन दिया जाता था।
5.चारधाम यात्रा में या तो खाने रहने की व्यवस्था चिकित्सक को स्वयं करनी होती है जो कि समान्य दिनों से अत्याधिक महंगी होती है और यदि व्यवस्था होती भी
6. है तो वो इतनी गंदी होती है इंसान का रहना तो दूर खड़ा रहना भी असम्भव होता है।

 

By amit

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