देहरादून: प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के अनुसार प्रदेश में पर्याप्त चिकित्सक होने के बाद अब संविदा चिकित्सकों की नियुक्ति की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसे में सभी नियुक्तियां निरस्त की जाए।इन चिकित्सकों की सुगम में तैनाती का संघ पहले ही विरोध कर चुका है।
संगठन की प्रान्तीय कार्यकारिणी की गुरुवार को बैठक आयोजित की गई।प्रांतीय अध्यक्ष डा मनोज वर्मा ने बताया कि स्थानांतरण में दुर्गम सुगम निर्धारण व अन्य मांगों को लेकर चार जुलाई को संघ का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य सचिव राधिका झा से मिलेगा।संविदा चिकित्सकों को लेकर भी सचिव से वार्ता की जाएगी।उन्होंने कहा कि संविदा चिकित्सकों के कार्यों को लेकर संघ एक आरटीआई भी लगाएगा।कहा कि संविदा चिकित्सक पीएमएसएस चिकित्सकों का हक तो मार ही रहे हैं पीएम,वीआईपी और आपातकालीन ड्यूटी तक नहीं कर रहे।ऐसे सभी चिकित्सकों के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है।डा वर्मा ने कहा कि विगत कुछ समय से चिकित्सकों की फर्जी शिकायतें कर उनकी प्रतिष्ठा धूमिल की जा रही है।जबकि जांच ने शिकायतें गलत पायी गई।फर्जी आरोप लगाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। उन्होंने महानिदेशक से इन मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग की।
बैठक में यह भी तय किया गया कि संघ के नियमित सदस्य किसी चिकित्सक की मृत्यु होने पर संघ एक लाख रुपए की तात्कालिक सहायता देगा। यदि अपवाद स्वरूप किसी परिवार को आर्थिक मदद की जरूरत हो तो अलग से धन एकत्र किया जाएगा।एलटीसी पूर्व की भांति प्रत्येक चिकित्सक को 5 वर्ष में ही मिलेगा।संघ को मजबूत करने के लिए मासिक सदस्यता शुल्क राशि सौ से बढ़ाकर 200 (2400 वार्षिक) और लाइफ टाइम मेंबरशिप 1 हजार से बढ़ाकर 2000 रुपए की गई है।बैठक में डा कैलाश सिंह गुंजियाल ,डा नरेश,डा तूहीन, डा प्रताप सिंह रावत,डा पंकज शर्मा,डा पीयूष त्रिपाठी ,डा आलोक जैन,डा फिरोज ,डा संजीव आदि उपस्थित थे।